MEA on Criticism over Hijab Row: हिजाब मामले पर वैश्विक प्रतिक्रिया को विदेश मंत्रालय ने खारिज किया

भारत ने कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब मामले को लेकर कुछ देशों की आलोचना को शनिवार को खारिज कर दिया और कहा कि देश के आंतरिक मामलों पर ‘किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां’ स्वीकार्य नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जो लोग भारत को जानते हैं उन्हें वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी. उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब मामले से जुड़े विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय विचार कर रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे संवैधानिक ढांचे और तंत्र, लोकतांत्रिक लोकाचार तथा राजतंत्र के संदर्भ में मुद्दों पर विचार किया जाता है, उनका समाधान निकाला जाता है. जो लोग भारत को अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें इन वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी. हमारे आंतरिक मुद्दों पर किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं है.’

बागची ने कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब मामले पर कुछ देशों की टिप्पणियों के बारे में मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया दी.

बता दें कि अमेरिकी सरकार के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संगठन ने भारतीय स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए कर्नाटक सरकार की आलोचना की है. संगठन दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों की निगरानी करता है. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता राजदूत राशद हुसैन ने ट्वीट किया कि ‘कर्नाटक सरकार को इसका फैसला नहीं करना चाहिए कि कोई मजहबी पोशाक पहने या नहीं.’ बयान में कहा गया है कि स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है. हिजाब विवाद में कर्नाटक की बीजेपी सरकार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है.

बाइडेन प्रशासन के इस अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘अपनी मजहबी पोशाक पहनना भी धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा है. भारतीय प्रदेश कर्नाटक को मजहबी पहनावे की अनुमति निर्धारित नहीं करनी चाहिए. स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी मजहबी आजादी का हनन है और महिलाओं एवं लड़कियों के लिए खास धारणा बनाती हैं और उन्हें हाशिये पर धकेलती है.’

ध्यान रहे कि हिजाब का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने है जिसने स्कूलों में हिजाब पहनने पर अंतरिम रूप से रोक लगा रखा है. मामले में सुनवाई सोमवार से बहाल होगी. इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट के पास भी आ गया है. भारत की सर्वोच्च अदालत ने हिजाब विवाद में यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया कि वह हाई कोर्ट का आखिरी आदेश आने से पहले कोई टिप्पणी नहीं करेगा.

(इनपुट) पीटीआई-भाषा

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