जम्मू-कश्मीर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में सम्मान के साथ शांति के लिए “अपने संघर्ष को फिर से तेज करने” का संकल्प लिया. इसमें पूर्ववर्ती राज्य के खास दर्जे की बहाली सहित “कश्मीर मुद्दे” को हल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People’s Democratic Party) ने पार्टी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती की सदारत में अपनी आम परिषद की बैठक के दौरान इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया.
#WATCH | Srinagar | Addressing PDP General Council Meeting, PDP President Mehbooba Mufti says, “We did not have the majority to pass a resolution. Despite that, without passing a resolution, we implemented self-rule… Self-rule means that there should be de-facto freedom in J&K…… pic.twitter.com/YfFmFXAmEP
— ANI (@ANI) December 14, 2024
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, पार्टी ने अपने मूलभूत सिद्धांतों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की भी तस्दीक की. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने प्रस्ताव में कहा, “हम जम्मू-कश्मीर राज्य में सम्मान के साथ शांति के लिए अपने संघर्ष को फिर से तेज करने का संकल्प लेते हैं, जिसमें भारत के संविधान के तहत 5 अगस्त, 2019 तक हमारे लोगों को मिले खास दर्जे की बहाली सहित कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों का उपयोग किया जाएगाय.”
Party president @MehboobaMufti-Led @jkpdp Meeting at party headquarter srinagar,
Demands Article 370 Restoration, End to Hate Crimes, and Prisoner Release .@YouthJKPDP pic.twitter.com/s2wmm9zoJb— PDP PAMPORE OFFICIAL (@pdp_pampore) December 14, 2024
पार्टी ने “भारत में मुसलमानों के खिलाफ नफरत के बढ़ते माहौल पर गहरी चिंता” भी जाहिर की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा को रोकने, झूठे आख्यानों को दूर करने और “न्यायिक अतिक्रमण के रूप में हमारी तरफ से देखे जाने वाले मुसलमानों को निशाना बनाने” को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आग्रह किया. पीडीपी ने प्रस्ताव में कहा, “हम भारत में विविधता, आपसी सम्मान और व्यक्तिगत अधिकारों और विश्वासों की सुरक्षा का जश्न मनाने वाले राष्ट्र के रूप में अपने विश्वास की पुष्टि करते हैं.”
आम परिषद ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई का भी आह्वान किया. पीडीपी ने कहा, “भारत भर में विभिन्न जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए तत्काल प्रक्रिया की मांग करती है. हम कमजोर या गैर-मौजूद आरोपों पर हिरासत में लिए गए सभी व्यक्तियों की रिहाई का आह्वान करते हैं और कैदियों को जम्मू और कश्मीर स्थानांतरित करने की वकालत करते हैं.”
हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर, आम परिषद ने स्वीकार किया कि हालांकि यह उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, “हमें विश्वास है कि निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों की चिंताओं, आकांक्षाओं और विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकते हैं”.