Asaduddin Owaisi On SIR Bihar: बिहार में चुनाव आयोग के SIR प्रक्रिया का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. विपक्षी पार्टियां लगातार इस मुद्दे पर विरोध कर रही है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस प्रक्रिया में मुस्लिम बहुल इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है. इसी बीच AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा उन जिलों से नाम काटे हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी अधिक है.
‘मुस्लिम बहुल इलाकों में कटे सबसे ज्यादा नाम’
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि बिहार के SIR का नतीजा साफ है. 56 लाख लोगों के नाम काट दिए गए हैं. सबसे ज्यादा नाम उन जिलों से कटे हैं जहां मुसलमानों की आबादी ज्यादा है, और जहां के लोग रोजगार की तलाश में मजबूरी में देश के दूसरे हिस्सों में पलायन करते हैं.
‘कमजोर तबके के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान’
AIMIM सांसद ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर आगे कहा कि इस तरह की प्रक्रिया का नुकसान उन भारतीयों को उठाना पड़ रहा है जो सबसे कमजोर हैं, जिनके पास उनके वोट के अधिकार के सिवा और कोई आवाज नहीं है.
बिहार के SIR का नतीजा साफ़ है — 56 लाख लोगों के नाम काट दिए गए हैं। सबसे ज़्यादा नाम उन ज़िलों से कटे हैं जहाँ मुसलमानों की आबादी ज़्यादा है, और जहाँ के लोग रोज़गार की तलाश में मजबूरी में देश के दूसरे हिस्सों में पलायन करते हैं। इस तरह की प्रक्रिया का नुक़सान उन भारतीयों को… pic.twitter.com/XIYfzeNrNI
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 6, 2025
ओवैसी चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर
बता दें कि ओवैसी लगातार चुनाव आयोग के SIR प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. बीते दिनों ओवैसी ने कहा था कि चुनाव आयोग को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कोई भारतीय नागरिक है या नहीं? यह अधिकार चुनाव आयोग को नहीं है. हमारी पार्टी ने सबसे पहले कहा था कि SIR पिछले दरवाजे से एनआरसी है.
मुस्लिम तंजीमों ने किया विरोध
बता दें कि देश की प्रमुख मुस्लिम तंजीमें भी चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. जमात- ए- इस्लामी के उपाध्यक्ष प्रो. सलीम इंजीनियर ने बीते दिनों कहा था कि बिहार की सीमांचल इलाके में मुसलमानों को निशाना बनाकर वोटर लिस्ट की सूची से हटाया जा रहा है. इस प्रक्रिया का साफ मकसद एक खास समुदाय को निशाना बनाकर उन्हें वोटर लिस्ट से हटाना है.