मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन का एनसीपीसीआर के फैसले पर कड़ा विरोध, बोले- मदरसों की भूमिका और अधिकारों की रक्षा आवश्यक!

नई दिल्ली: मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (MSO Of India) ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (NCPCR) द्वारा मदरसों की फंडिंग रोकने और मदरसा बोर्ड को भंग करने की मांग का सख्त विरोध करते हुए इसे अत्यंत गलत और अस्वीकार्य करार दिया है.

मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, दिलशाद नूर (एडवोकेट) ने कहा कि एनसीपीसीआर का यह कदम मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता और असंतोष पैदा कर रहा है.

उन्होंने इसे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन और धार्मिक स्वतंत्रता पर गंभीर हमला बताया.

नूर ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 30 का हवाला देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने और शिक्षा में विशेष अधिकार दिए गए हैं.

उन्होंने जोर देकर कहा कि मदरसों ने हमेशा भारतीय मुसलमानों के लिए शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्रोत बने रहने के साथ-साथ उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है.

उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि मदरसों का योगदान स्वतंत्रता आंदोलन में भी अनमोल रहा है. हजारों उलेमा (Ulema) ने अपनी जानें देश की आजादी के लिए न्योछावर कीं और रेशमी रुमाल आंदोलन इस बात का सशक्त उदाहरण है.

नूर ने चेतावनी दी कि एनसीपीसीआर (NCPCR) का यह कदम शिक्षा के अधिकार को सीमित करने का प्रयास है, जो समाज में और विभाजन को बढ़ावा दे सकता है. उन्होंने स्पष्ट किया, “मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें भेदभाव का सामना नहीं करना चाहिए.”

उन्होंने एनसीपीसीआर (NCPCR) से अपील की कि इस मुद्दे को समझदारी और संवेदनशीलता से लिया जाए. नूर ने एक समावेशी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया, जो सभी बच्चों को उनकी पहचान के साथ समान अवसर प्रदान करे.

संवाद और सहयोग से मदरसों की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है, जिससे सभी बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा सुनिश्चित की जा सके.

नूर ने कहा कि मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (MSO Of India) इस मुद्दे पर समुदाय के साथ एकजुटता में खड़ा है और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

spot_img
1,704FansLike
255FollowersFollow
118FollowersFollow
14,700SubscribersSubscribe