भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद स.अ.व. की शान में गुस्ताखी की थी। जिसके बाद देशभर के मुसलामनों ने इसकी अलोचना की थी। कई मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया था। कुछ ने नूपुर की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया और पोस्ट के जरिए निंदा भी की थी।
मिल्लत टाइम्स की खबर के अनुसार, इस मामले में यूपी के बुलंदशहर में रहने वाले नदीम अंसारी को जमानत दे दी गई है। 4 महीने पहले नदीम को सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काव टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। नदीम अंसारी 13 जून से जेल में बंद था।
दअसल इलाहाबाद कोर्ट ने 4 महीने बाद आर्टिकल 21 का हवाला देते हुए नदीम की जमानत स्वीकार कर ली। नदीम ने अदालत के सामने तुरंत जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन उसकी सुनावई 4 महीने बाद हुई औऱ निर्दोष पाए जाने पर उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी।
बता दें कि नदीम अंसारी को 13 जून 2022 को गिरफ्तार किया गया था। उस पर IPC की धारा 153A, 295A, 505(2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की धारा 67 के तहत आरोप लगाया गया था।
गिरफ्तारी के बाद नदीम अंसारी ने अदालत के सामने तुरंत जमानत याचिका दायर की। अपनी याचिका में उसने दावा किया कि वह निर्दोष है और इस मामले में गलत आरोप लगाया गया है। बाद में हाईकोर्ट ने अंसारी को जमानत दे दी।
4 महीने पहले बुलन्दशहर के नदीम अंसारी को नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काव टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था,वह 13 जून से जेल में बंद है,अब उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है,महोदय ने 4 महीने बाद आर्टिकल21 का हवाला देते हुए जमानत स्वीकार की pic.twitter.com/m36fphmuPS
— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) October 17, 2022
इलाहाबाद कोर्ट ने नदीम को 3 शर्तों के अधार पर जमानत दी है:
- आवेदक (नदीम) साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।
- जांच और ट्रायल में सहयोग करेगा।
- गवाहों को डराने, धमकाने का काम नही करेगा। यदि उसने किसी भी शर्त का उलंघन किया तो उसकी जमानत रद्द की जा सकती है।