बरेली/शाहजहांपुर: दरगाह बरेली से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के तत्वावधान में जामा मस्जिद शाहजहांपुर के मदरसा गौसुल वारा में एक बैठक हुई. इस बैठक का विषय था ‘इस्लाम और शांति’. मौलाना इकबाल हुसैन शाहजहांपुरी ने अपने भाषण में कहा कि शाहजहांपुर में क़ुरआन शरीफ को लेकर काफी तनाव फैल गया था और यहां के युवकों ने बिना कुछ सोचे-समझे विरोध शुरू कर दिया था.
आवाज़ द वॉइस की खबर के मुताबिक़, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर 24 घंटे के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ऐसी घटनाएं जब भी होती हैं, विरोध करने से पहले अपने बड़ों और अधिकारियों से बात करनी चाहिए.
हाफिज नूरी अहमद अजहरी पीलीभीत ने कहा, ‘जिन लोगों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जिहाद के नाम पर संगठन बनाए हैं, ये सभी संगठन इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं. मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने वाले संगठनों से सावधान रहने की जरूरत है.’
चर्चा में मुफ्ती सिराजुद्दीन कादरी, हाजी नाजिम बेग, हाजी तारिक रजा, तहसीन खान, जरीफ गद्दी, सैयद शाबान अली, शाहिद रिज़वी, मोहम्मद जुनैद, मोहम्मद यूसुफ, साहिल रजा कादरी, तसव्वर हुसैन एडवोकेट, तौहीद बेग, सुरूर अहमद आदि मौजूद थे.
इसी बीच संयोग से, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा है कि सीमा पार आतंकवाद और आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवाद खतरा बना हुआ है. वह नई दिल्ली में भारत और इंडोनेशिया में पारस्परिक शांति और सामाजिक सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका पर सम्मेलन में बोल रहे थे. समाज में उलेमाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वे मुसलमानों के बीच शिक्षा का प्रसार करने और कट्टरपंथ और उग्रवाद का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
इंडोनेशिया के राजनीतिक, कानूनी और सुरक्षा मामलों के समन्वय मंत्री प्रो डॉ मोहम्मद महफुद एमडी ने कहा, उलेमा ने अंतर-विश्वास शांति और सामाजिक सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में बहुत योगदान दिया है. उन्होंने सभी से सौहार्दपूर्ण समाज बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया.
डोभाल ने नई दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और इंडोनेशिया दोनों दुनिया की सबसे बड़ी इस्लामिक आबादी का घर हैं, इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक देश है और भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है. उन्होंने कहा, ‘भारत की तरह, इंडोनेशिया में इस्लाम वर्तमान केरल और गुजरात के व्यापारियों और बंगाल और कश्मीर के सूफियों द्वारा फैलाया गया था. इस शांतिपूर्ण प्रसार से एक समधर्मी संस्कृति का विकास हुआ, जहां न केवल पूर्व-इस्लामिक धर्म साथ-साथ फले-फूले, बल्कि पुरानी परंपराओं और स्थानीय रीति-रिवाजों ने धार्मिक प्रथाओं को बहुत प्रभावित किया.’
उन्होंने कहा, ‘हम अलग-अलग भाषाएं बोल सकते हैं, लेकिन हम शांति और सद्भाव की साझा इच्छा साझा करते हैं. आज हमारा संवाद उस उद्देश्य को हासिल करने में हमारी मदद करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.’