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असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने पत्रकार जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की

नई दिल्ली: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को दिल्ली पुलिस द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की.

उन्होंने गिरफ्तारी को बेहद निंदनीय बताया. ओवैसी ने ट्वीट किया, उन्हें बिना किसी नोटिस के और किसी अज्ञात प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया है. नियत प्रक्रिया का पूर्ण उल्लंघन.

उन्होंने यह भी लिखा कि दिल्ली पुलिस मुस्लिम विरोधी नरसंहार के नारों के बारे में कुछ नहीं करती है, लेकिन अभद्र भाषा की रिपोर्ट करने और गलत सूचना का मुकाबला करने के अपराध के खिलाफ तेजी से कार्य करती है.

वहीं दूसरी तरफ ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनके लिए खतरा है. राहुल ने ट्वीट में कहा, भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनके लिए खतरा है.

इस गिरफ़्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मोहम्मद जुबैर के समर्थन में ट्वीट किया.

‘अच्छे नहीं लगते हैं उन झूठ के सौदागरों को सच की पड़ताल करने वाले… जिन्होंने अपनी आस्तीन में हैं पाले, नफ़रत का ज़हर उगलने वाले.’ उन्होंने पत्रकार की तस्वीर के साथ एक समाचार लेख के साथ ट्वीट किया.

इसके अलावा कांग्रेस के नेता और सांसद शशि थरूर ने भी निंदा की है और मोहम्मद जुबैर को जल्द रिहा किये जाने की मांग की है.

पत्रकार फातिमा खान ने ट्वीट कर कहा कि जुबैर हमारे समय के बेहतरीन पत्रकार हैं. लज्जा और शर्म से मेरा सिर झुक गया है.

इसके अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की. टीआरएस के सोशल मीडिया संयोजक कृष्ण मन्ने ने गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की.

बता दें कि पुलिस ने एक ट्विटर हैंडल से शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया था, जहां यह आरोप लगाया गया था कि जुबैर ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से एक संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की थी.

वहीं मीडिया ख़बरों के अनुसार, ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को गिरफ्तार कर एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

33 वर्षीय जुबैर को एक विशेष धार्मिक समुदाय की भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

अधिकारी ने कहा, अलग मामले में उनसे आईपीसी की धारा 153ए (सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कृत्य करना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) के तहत पूछताछ की गई और उनकी भूमिका आपत्तिजनक पाई गई.

इसके अलावा ट्विटर पर मोहम्मद जुबैर के लिए #Istandwithzubair ट्रेंड कर रहा है. #freezubair की मांग भी हो रही है.

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