बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी इलाके में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई इस हिंसक घटना के बाद से पूरा क्षेत्र तनाव में है. इसके चलते जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और घटनास्थल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. एहतियात के तौर पर बहराइच जिले में 16 अक्टूबर तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने भी बहराइच में मोर्चा संभाल रखा है. हिंसा में शामिल अब तक 30 से अधिक संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिनमें से 10 के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई हैं. इस पूरे मामले को लेकर सीएम योगी गंभीर हैं और उन्होंने उच्च अधिकारियों को मामले की पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं.
इस बीच सीएम योगी आज लखनऊ में मृतक रामगोपाल मिश्रा के परिवार से मुलाकात करेंगे. इस दौरान मृतक की पत्नी और माता-पिता मौजूद रहेंगे. परिवार ने इस दुखद घटना के बाद उचित मुआवजे की मांग की है.
बहराइच हिंसा की ताजा तस्वीरें
‘आरोपियों को फांसी दें और उनके घर गिराएं’
‘पुलिस की लापरवाही के कारण हुई घटना’
हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के रिश्तेदार प्रमोद कुमार का आरोप है कि यह घटना पुलिस की लापरवाही के कारण हुई. अगर उन्हें पुलिस से सुरक्षा मिली होती तो यह घटना नहीं होती. उनकी मांग हैं कि दोषियों को सजा दी जाए और रामगोपाल मिश्रा की पत्नी को उचित मुआवज़ा मिले. वहीं रामगोपाल मिश्रा की एक अन्य रिश्तेदार प्रीति ने कहा, ‘मृतक को 15 गोलियां लगी थीं. मैं चाहती हूं कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए और उनके घर गिरा दिए जाएं.’
बहराइच में हिंसा के बाद से पूरे जिले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. PSC की 12 कंपनियां, CRPF की 2 कंपनियां और RAF की 1 कंपनी के साथ गोरखपुर जोन की पुलिस भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. अफवाहों और भ्रामक खबरों को रोकने के लिए प्रशासन जनता से सहयोग की अपील कर रहा है.
सीएम योगी के निर्देश पर एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश और सचिव गृह संजीव गुप्ता ग्राउंड जीरो पर पहुंच चुके हैं. साथ ही, बहराइच में 4 आईपीएस, 2 एएसपी और 4 सीओ को तैनात किया गया है ताकि क्षेत्र में शांति बहाल की जा सके.
प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि हिंसा में शामिल एक भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.