Homeदेशपढ़ाई के बोझ में दबे बच्चों के लिए बालमंच किड्स ओपन माइक...

पढ़ाई के बोझ में दबे बच्चों के लिए बालमंच किड्स ओपन माइक का आयोजन

नोएडा: कनेक्टेड (Connected) और योर ओपन माइक (Your Open Mic) की ओर से नोएडा स्थित शीरोज हैंगआउट कैफे में एक बालमंच सजाया गया जिसमें बच्चों ने न केवल अपने हुनर का जादू जगाया बल्कि अपने दिल की भड़ास भी निकाली। पढ़ाई के बोझ में दबे और फोन-टीवी के चंगुल में फंसे बच्चों के लिए ये मंच एक अनोखा अनुभव था।

अबीर और कबीर ने गिटार और कीबोर्ड पर संगीत की प्रस्तुति दी, तो नन्हे चैतन्य ने देशभक्ति से भरी कविता सुनाकर सबका दिल जीत लिया। अदम्य सिंह ने खिलाड़ियों के प्रति प्यार जताया तो नन्ही मिश्री ने प्रकृति के प्रति अपना आभार जताया। सादगी और अस्मि ने अपनी सुन्दर कविताओं के मोती बिखेरे। मिलान, नक्षत्रा, लक्षित, चिन्मयी, इवान, समायरा, आद्या और बहुत से नन्हें बच्चों ने अपनी सुन्दर भाषा के रंग घोले।

इस मंच पर वे बच्चे भी आगे आए जिन्हें अपनी बात कहने का मौका नहीं मिलता। इवेंट की खास मेहमान शीतल अग्रवाल ने अपनी दिलचस्प एक्टिविटी के माध्यम से दुनियादारी में डूब चुके बड़ों को भी बच्चा बनने पर मजबूर कर दिया।

आर्ट हीलर गौरा अग्रवाल ने बच्चों और बड़ों सभी के लिए रंगों से भरी दिलचस्प गतिविधि करवाई। ख़ास बात यह थी कि बच्चों के लिए हुए इस ओपन माइक में बड़े भी अपने अंदर के बच्चे को रोक नहीं सके और अपने दिल की बात कही। पंकज रामेंदु और शालिनी ने भी बच्चा बन कर कविता पाठ में हिस्सा लिया। विजया श्रीवास्तव और उनकी टीम के बच्चों ने भी अपनी कला के रंगों से इस इवेंट में चार चांद लगाए।

इस कार्यक्रम को एशिया शिपिंग इंडस्ट्रीज के कंट्री हेड पुष्पेंद्र प्रताप सिंह का भरपूर सहयोग मिला। विशेष अतिथि के रूप में उन्होंने इस कार्यक्रम में अपने बचपन के कई प्यारे अनुभव साझा किए। वहीं कंफेडरेशन ऑफ एनजीओ के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉक्टर अंकुर शरण और उनकी बिटिया कुहू ने भी अपनी प्रतिभा और जुगलबंदी से सभी को हैरान कर दिया। डॉक्टर अंकुर शरण और पुष्पेंद्र जी ने उम्मीद जताई कि आगे भी ऐसे सार्थक इवेंट में वे कनेक्टेड का साथ देंगे।

डेंटिस्ट और कवि पल्लवी महाजन ने कुछ बेहद दिल को छू लेने वाली कविताएं कहीं। चोको हाउस की स्मृति अपने साथ बच्चों के लिए स्वाद का समन्दर और बच्चों की पसंदीदा चॉकलेट लाई थीं। सबसे जादुई था घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही निव्या जैसी लड़की का सामने आना जिसे अपनी बात कहने के लिए मंच नहीं मिलता।

ऐसी कई अनसुनी कहानियों को सुनने का मंच बन गया कनेक्टेड का ओपन माइक जिसमें ओपन माइक के दिनेश और सौरभ ने कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया।

बच्चों को हिन्दी से जोड़ने के लिए एकतारा प्रकाशन की सुंदर किताबें भी यहां मौजूद थीं। कुल मिलाकर क्या बच्चे क्या बड़े अभिव्यक्ति के इस सुंदर संसार में सभी को अपनी बात रखने का मौका मिला। कनेक्टेड एक ऐसा मंच है जो मानसिक सेहत को लेकर पिछले तीन सालों से सक्रिय है। इसकी नींव 2019 में ऋतु भारद्वाज और रजनी सेन ने रखी थी।

इसके अलावा हमारी सदा ट्रस्ट (एनजीओ) के संस्पाथक मोहम्मद इरशाद आलम इस प्रोग्राम में शामिल थे जिन्होंने इस प्रोग्राम को सपोर्ट किया और कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। हमारी सदा ट्रस्ट ऑर्गेनाइजर में शामिल थी।

बता दें कि हमारी सदा ट्रस्ट (NGO) देश की कई रियासतों में शिक्षा पर काम कर रहा है। लोगों में शिक्षा के लिए बेदारी मुहिम से लेकर गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने तक का महत्वपूर्ण कार्य इस ट्रस्ट के ज़रिये 2016 से किया जा रहा है।

ट्रस्ट का मक़सद गरीब और कमज़ोर वर्ग के परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना है जिससे समाज में शिक्षा का चिराग रोशन हो सके। अपने इसी सफर को आगे बढ़ाते हुए हमारी सदा ट्रस्ट ने ‘औजे फलक शिक्षा सेंटर’ नाम से एक शिक्षा सेंटर का उद्घाटन 1 अक्टूबर 2022 को किया है। यह शिक्षा सेंटर दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में खोला गया है जहां पर ज्यादातर प्रवासी मजदूर और दूसरे राज्यों से आये परिवार के लोग रहते हैं। इन परिवार के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना बहुत ज़रूरी है।

इसके अलावा हमारी सदा ट्रस्ट बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार दिलाने में हमेशा कोशिश करता रहता है और ट्रस्ट का मक़सद समाज की खिदमत के लिए समय समय पर प्रोजेक्ट लांच करके लोगों की मदद करते रहना है।

spot_img
1,716FansLike
6,134FollowersFollow
118FollowersFollow
15,500SubscribersSubscribe