Delhi Violence: दिल्ली का एक अदालत में 2020 के दिल्ली दंगे में आरोपी बीजेपी नेता और अब दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ सुनवाई हुई. इस मामले में अदालत 24 मार्च को अपना फैसला सुना सकती है. अदालत उस दिन यह फैसला सुना सकती है कि क्या दिल्ली पुलिस को कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए या नहीं, ताकि 2020 के दिल्ली दंगों में उनकी कथित भूमिका की जांच की जा सके.
अदालत में दायर याचिका पर पुलिस ने कहा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अदालत में यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने एक याचिका दायर की है. इस याचिका में कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. जहां दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए यह दावा किया था कि दंगों में कपिल मिश्रा की कोई भूमिका नहीं थी.
इनके खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश देने की मांग
शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, दयालपुर के तत्कालीन एसएचओ और भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट और पूर्व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान और सतपाल संसद सहित पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी.
कब हुई थी हिंसा?
बता दें कि 2020 में दिल्ली में CAA- NRC आन्दोलन के प्रतिरोध के बाद पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में इस घटना में 53 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 38 मुसलमान शामिल है. वहीं 150 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस केस में JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, शरजील इमाम सहित जामिया के दर्जनों छात्र व अन्य लोगों पर दंगे के लिए साजिश रचने का आरोप है. इनमें से कई अभी भी जेल में बंद हैं, और कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिल रही है.