लखनऊ: उत्तर प्रदेश से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसको पढ़कर आपके होश उड़ जायेंगे. यह घटना लखनऊ के माल इलाके में हुई है. हरिद्वार में मजदूरी कर परिजनों का पेट पालने वाले दलित (अनुसूचित जाति) किशोर के घर लौटने पर देर रात उसके चारपाई के नीचे बम लगा दिया गया. बम के धमाके से उसके चिथड़े उड़ गए.
दि मूकनायक रिपोर्ट के अनुसार, धमाके की आवाज सुनकर घर के लोग बाहर निकलते हैं और देर रात गांव में भारी भीड़ इकट्ठा हो जाती है. इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. घायल किशोर को ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पीड़ित पिता की तहरीर पर पुलिस ने सवर्ण जाति के लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है लेकिन सात दिन बाद भी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
यूपी में लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र माल इलाके के गोपरामऊ पंचायत के रानियामऊ में दलित किसान मेवालाल रावत (38) अपनी पत्नी सावित्री (35) के साथ रहते हैं. मेवालाल के परिवार में तीन छोटे बच्चे और एक बेटा शिव कुमार रावत (18) हैं. मेवालाल का शरीर कमजोर होने के कारण वह कुछ भी कर पाने में असमर्थ हैं. उनका बड़ा बेटा हरिद्वार में लगभग डेढ़ साल से मजदूरी कर पूरे परिवार का पेट पाल रहा था.
22 जून को दोपहर 12 बजे शिव कुमार हरिद्वार से लौटा था. देर रात खाना खाने के बाद उसने घर के बाहर ही चारपाई लगा ली और सो रहा था. पिता मेवालाल ने बताया, ‘रात लगभग 12 बजकर 55 मिंनट पर तेज धमाके की आवाज ने नींद खोल दी. मैंने जब घर के बाहर आकर देखा तो पूरे इलाके में धुएं के कारण कुछ दिख नहीं रह था. छप्पर सुलग रहा था. मैं घर के बाहर चारपाई पर सोए बेटे को उस धुएं में ही ढूढ़ने लगा. मेरा बेटा खून से सना हुआ चारपाई से 10 मीटर की दूरी पर पड़ा हुआ था. हम उसे माल सीएचसी ले गए. डाक्टरो ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ ले जाने के लिए कहा.’
This incident is not from Udaipur or a Taliban ruled country, this incident is from Ranimau of Gopramau Panchayat of Mal area, rural area of Lucknow in Uttar Pradesh. A Dalit youth was blown up by the upper Caste Hindu Thakurs over a land dispute, he died a painful death… pic.twitter.com/c933j3aXSW
— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) June 28, 2022
इलाज के दौरान तोड़ा दम
माल सीएचसी के डॉक्टरों ने प्रारम्भिक उपचार के बाद शिव कुमार को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया. ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने बॉडी को सील करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
घटनास्थल पर मिले स्टील के टुकड़े, पुलिस ने बताया सुतली बम
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर धमाके के बाद सटीक के टुकड़े, बजरी, बारूद और घड़ी के सेल पड़े हुए थे. जबकि पुलिस का कहना था यह एक मामूली सुतली बम था.
जमीनी विवाद को लेकर किया जानलेवा हमला!
मेवालाल रावत ने बताया कि ‘उनका गांव के ही ठाकुर जाति के तेज बहादुर सिंह और दीपू सिंह से विवाद चल रहा था. तेज बहादुर सिंह ने गांव के अर्जुन सिंह से जमीन खरीदी थी. लेकिन चेक बाउंस होने के कारण दाखिल खारिज पर रोक लग गई. मेवालाल अर्जुन सिंह के घर चौकीदारी करता है, जिसके कारण तेज बहादुर सिंह को समस्या हो रही थी.
घटना के सात दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
यह घटना 22/23 की रात हुई थी. परिजनों का आरोप है कि, पुलिस आरोपियों को बचा रही है. घटना के सात दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. वहीं इस मामले में थानेदार का कहना है कि टीम बनाकर लगातार दबिश दी जा रही है.
क्या बोले जिम्मेदार?
इस मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक जय बहादुर राय ने बताया, ‘घटना स्थल से कुछ स्टील के टुकड़े बरामद किए गए हैं. उन्हें विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है. मामले में पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच क्षेत्राधिकारी मलिहाबाद कर रहे हैं.’
इस मामले में क्षेत्राधिकारी मलिहाबाद योगेंद्र सिंह ने बताया, ‘मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. कल मंत्री कौशल किशोर भी आये थे. आज पीड़ित परिवार भी मेरे पास आया था.’ पूरे मामले में आरोपियों के गिरफ्तारी पर सवाल पूछने पर क्षेत्राधियारी ने कहा, ‘अच्छा काम करने में समय लगता है, कोई वैसा काम होता तो ऐसे ही कर दिया जाता.’