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उज्जैन शहर से मुसलमानों को पूरी तरह उजाड़ने का फैसला

उज्जैन: मध्य प्रदेश की बीजेपी शिवराज सिंह की सरकार ने एक बार फिर मुस्लिम मुखालिफ क़दम उठाते हुए वर्ष 2028 में कुंभ मेला आयोजन करने के नाम पर उज्जैन शहर से मुसलमानों को पूरी तरह उजाड़ने का फैसला किया है.

प्रशासन ने उज्जैन शहर के गुलमोहर कॉलोनी के मुसलमानों को तुरंत अपने घरों को खाली करने का हुक्म दिया है, जिससे मुसलमान बहुत ज़्यादा परेशान हैं और उन्हें ये समझ में नहीं आ रहा है कि वह इस खुले जुल्मो सितम के खिलाफ किस से फर्याद करें.

बता दें कि बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों पर ज़ुल्म ढाने के लिए बुलडोज़र पॉलिसी एक आम बात हो गई है और मध्य प्रदेश में भी सरकार मुसलमानों के मकानों को ढाने के लिए बुलडोज़र का इस्तेमाल करती रही है, मगर ये पहला मौका है कि मुस्लिम कॉलोनी के लोगों को कुंभ मेला के नाम पर मकानों को खाली करने के लिए कहा जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एहतेशाम हाशमी उस वक़्त सच जानने के लिए मध्य प्रदेश में मौजूद हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दुख का इज़हार किया और कहा कि उन्होंने उज्जैन की मुस्लिम कॉलोनी के बाशिंदों की ज़मीन के दस्तावेज़ देखे हैं.

मुसलमान यहां तक़रीबन 80 साल से रह रहे हैं. लेकिन इस के बावजूद प्रशासन उन्हें परेशान कर रही है और उनसे मकानों को खाली करने के लिए दबाव बना रही है.

उन्होंने आगे कहा कि दरअसल उज्जैन को मुस्लिम फ्री जोन बनाने की कोशिश हो रही है और ये बहाना बनाया जा रहा है कि महाकुंभ के लिए मुस्लिम कॉलोनी की जगह पर पार्किंग बनाई जायेगी.

उन्होंने कहा कि पार्किंग के लिए जिस मुस्लिम कॉलोनी की पट्टी को तोड़ने की बात की जा रही है उसके क़रीब में काफी जगह खाली मौजूद है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो ये वहां पार्किंग बना सकती है.

एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने आगे कहा कि उज्जैन शहर हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब और हिन्दू मुस्लिम एकता का शहर रहा है लेकिन सियासी फायदे के लिए उस शहर के अमन को तबाह करने की कोशिश की जा रही है.

एहतेशाम हाशमी ने उज्जैन में दोनों कम्युनिटी के लोगों से बात की और दोनों ही कम्युनिटी के लोगों ने कहा कि वह अमन और प्यार व मोहब्बत के साथ रहना चाहते हैं.

एहतेशाम हाशमी ने कहा कि वह हुक्काम से उस सिलसिले में बात करेंगे और अगर उन मुसलमानों को परेशान करने का सिलसिला बंद नहीं होता है तो वह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उस के खिलाफ अर्ज़ी दायर करेंगे.

ट्विटर पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक शख्स कह रहा है कि हम गुलमोहर के निवासी हैं और हम यहां रजिस्ट्री करा कर अपना घर बनायें हैं. नगर निगम की गाड़ी आती है और घोषणा कर कर के जाती है और हमें परेशान किया जाता है. लेकिन हम नगर निगम की गाडी को रोक कर पूछते हैं कि लिखित नोटिस दिखाओ तो कहते हैं कि हमारे पास नहीं है और सिर्फ हमारे ऊपर डर बना रहे हैं. मैं निवेदन कर रहा हूं कलेक्टर साहब से की आप ने रजिस्ट्री दी तब हम ने घर बनाई. आप रजिस्ट्री कैंसिल कर दें. हम ने अतिक्रमण नहीं की है आप ने मकान बनाने की इजाजत दी तब हम ने घर बनाई है.

दूसरी तरफ जमीयत उलेमा मध्य प्रदेश के सदर हाजी मोहम्मद हारुन ने प्रशासन के बेदखली के नोटिस को मुसलमानों के खिलाफ ज़ुल्म और नाइंसाफी क़रार दिया.

उन्होंने कहा कि ‘प्रशासन इस हुक्म के ज़रिये मुसलमानों को परेशान कर रही है. उज्जैन की गुलमोहर कॉलोनी एक बहुत पुरानी कॉलोनी है जो कुछ समय तक उज्जैन के शहर की हुदूद से बाहर थी और ये कई अरसे से आबाद यही इलाक़ा था.’

(इन्कलाब उर्दू से इनपुट के साथ)

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