Delhi Riots: उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के दौरान हाशिम अली की हत्या के मामले में दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने 12 आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसे ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सका, जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी हत्या करने वाली भीड़ का हिस्सा थे.
लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, अंकित चौधरी समेत 12 आरोपी बरी
कोर्ट ने हाशिम अली की हत्या के मामले में आरोपी लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, अंकित चौधरी, प्रिंस, जतिन शर्मा, हिमांशु ठाकुर, विवेक पंचाल, ऋषभ चौधरी, सुमित चौधरी, टिंकू अरोड़ा, संदीप और साहिल को बरी कर दिया.
सबूत के अभाव में कोर्ट ने किया बरी
एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य के रूप में जो टुकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, वे किसी भी आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल एक गवाह ने आरोपियों की उपस्थिति की पुष्टि की, जबकि अन्य किसी भी घटना के चश्मदीद नहीं थे.
कोर्ट ने ठोस सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कुछ व्हाट्सएप चैट्स को सबूत के रूप में पेश किया था, लेकिन अदालत ने उन्हें निर्णायक प्रमाण नहीं माना. अदालत ने कहा कि ऐसे व्हाट्सएप पोस्ट और मैसेज ग्रुप के अन्य सदस्यों के बीच ‘हीरो’ बनने या शेखी बघारने के लिए डाले जा सकते हैं और इन्हें सच मानना कानून सम्मत नहीं है. इसके बाद सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने इस दलील को ठोस सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया.
पूरा मामला क्या है?
बता दें कि दिल्ली पुलिस की दर्ज एफआईआर के अनुसार, हाशिम अली और उनके भाई आमिर खान की दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी. आरोप था कि एक भीड़ ने उन्हें मुस्लिम पहचान के आधार पर रोका और हमला कर दिया. आरोपियों पर भीड़ का नेतृत्व करने और हत्या में शामिल होने का संदेह था.