वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर के 2 किलोमीटर की रेंज में सभी मास-मछली बेचने वाली दुकानों पर प्रशासन ने ताला लटका दिया है. यह एक्शन तकरीबन 45 लोगों के खिलाफ हुआ है. जिससे सरकार के खिलाफ भारी विरोध देखने को मिल रहा है. योगी सरकार की पुलिस ने इस मामले में 26 विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
ज़ी सलाम की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में नगर निगम ने तहरीर दी गई थी, जिसके बाद 26 विक्रेताओं के खिलाफ परिधि में मौजूद चौक, दशाश्वमेध और चेतगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है. इसके साथ ही बिना लाइसेंस के बिक्री पर 15 दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस के इस एक्शन से जहां श्रद्धालुओं ने खुशी का इजहार किया है, वहीं दूसरी ओर जिन लोगों की दुकान छिनी है उनकी रोजी रोटी छिन गई है.
जिन लोगों की दुकान बंद की गई है उनका कहना है कि प्रशासन ने अगर हमारी दुकान बंद कराई है तो हमें कोई दूसरा विकल्प देना चाहिए. ताकि हम अपनी रोजी रोटी चला सकें. वहीं एक मुस्लिम शख्स कहता है कि हम अकीदतमंदों की आस्था का सम्मान करते हैं, लेकिन रमजान आ रहे हैं और यह दुकान लोगों को केवल रोजी रोटी ही नहीं देती है, बल्कि मीट मुसलमानों के लिए रमजानों में गिजा के तौर पर काम करता है.
दुकान बंद करने को लेकर राजकुमार नाम के स्थानीय शख्स कहता है कि प्रशासन ने ये जो एक्शन लिया है वह एकदम सही है. प्रशासन को यह पहले ही कर देना चाहिए था. लेकिन, इन लोगों ने बाद में किया, लेकिन अच्छा काम किया.
जाहिद हाशमी नाम के शख्स कहते हैं कि इन लोगों के खिलाफ एफआईआर एकदम गलत हुई है. हर कोई परिवार वाला है. सरकार को यह एक्शन लेते समय पहले अंतिम चेतावनी देना चाहिए था. इसके साथ ही उन लोगों को काम के लिए दूसरी जगह देनी चाहिए थी. आपने इस महंगाई के समय में इन लोगों को शिफ्ट किए बिना दुकान बंद करा दी.
हाशमी कहते हैं कि महंगाई के समय में लोगों के लिए घर चलाना काफी मुश्किल है. ऐसे में उनकी दुकान को छीनकर आपने उनकी पेट पर लात मारने का काम किया है. हम श्रद्धालुओं का सम्मान करते हैं, लेकिन प्रशासन का यह रवैया सही नहीं है.
वहीं इस मामले को लेकर शकील अहमद का कहना है कि मैं आस्था का सम्मान करता हूं. बाबा की नगरी में मीट सदियों से बिकता आया है. अगर वह कहते हैं कि आस्था का सवाल है, तो उनकी बात सही है. लेकिन जो यहां काम कर रहे थे उन्हें वह कहीं स्थान तो दें. आने वाले दिनों में रमजान हैं और यह गिजा के तौर पर हमारे लिए काम करता है.