Jaipur-Mumbai Express firing case: मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार, 21 जनवरी को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के पूर्व कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को निर्देश दिया कि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य जांच के लिए ठाणे के एक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाए. अकोला जेल के अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि चेतन सिंह चौधरी मनोरोग विकार (Psychiatric Disorder) से पीड़ित है, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया.
अदालत ने और क्या कहा?
एडिशनल सेशन जज एनएल मोरे ने चेतन सिंह को पूरी तरह से चिकित्सा जांच के लिए ठाणे के मानसिक अस्पताल में रेफर करने का निर्देश दिया. साथ ही जज ने यह भी निर्देश दिया कि चेतन सिंह इस पूछताछ के दौरान ठाणे जेल में ही रहेंगे.
अकोला जेल के अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि चेतन सिंह में मानसिक बीमारी के लक्षण नजर आ रहे थे. उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें आगे के मनोरोग उपचार के लिए नागपुर के एक अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया जाए.
पीड़ितों के परिवार वालों ने क्या कहा?
हालांकि पीड़ितों के परिवार वालों ने इस बात का विरोध किया कि चेतन सिंह की चार्जशीट और मेडिकल रिपोर्ट में
मानसिक बीमारी का कोई सबूत है.
घटना क्या थी ?
चेतन सिंह चौधरी पर 31 जुलाई 2023 को जयपुर- मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सहायक सब इंस्पेक्टर टीकाराम मीणा, और तीन मुस्लिम यात्रियों अब्दुल कादर भाई भानपुरवाला, सदर मोहम्मद हुसैन और असगर अब्बास शेख की हत्या का आरोप है. चश्मदीदों के मुताबिक,चेतन सिंह पहले चार बोगियों में घुमा था. और कथित तौर पर सभी लोगों को गोली मारने से उनका नाम पूछा था.इस आधार पर यह घटना एक धार्मिक नफरत के रूप में सामने आई.
इस हत्या के पीछे की वजहों की जांच की जा रही है, लेकिन गवाहों के मुताबिक आरोपी ने उनके धर्म के आधार पर उन्हें निशाना बनाया था.
इस जघन्य घटना के बाद चेतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, शस्त्र अधिनियम के तहत उल्लंघन, अपहरण और धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित कई अपराधों के आरोप लगाए गए. इसके बाद चेतन सिंह को रेलवे सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था.