Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 29 जनवरी को भगदड़ मच गई थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस भगदड़ में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस दुखद हादसे पर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने दुख व्यक्त किया है.
‘दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ परिवारों के साथ’
प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा कि हम प्रयागराज के महाकुंभ में हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ पर गहरा दुख व्यक्त करते हैं, जिसमें कई निर्दोष श्रद्धालुओं की जान चली गई है. इस दुख की घड़ी में मेरी हार्दिक संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. हम उन लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और इस दुख की घड़ी में उनमें धैर्य और शक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.
‘श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए’
सलीम इंजीनियर ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना एक बार फिर इस महत्व को रेखांकित करती है कि इतने विशाल सम्मेलन के लिए सतर्क योजना और भीड़ प्रबंधन की तत्काल आवश्यकता है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. सामान्य श्रद्धालुओं के लिए निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए, और प्रशासन को वीआईपी के लिए विशेष सेवाओं और पहुंच के बजाय उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देने की मूलभूत जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
‘केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए’
उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपनी व्यवस्था में कमियों को तुरंत दूर करना चाहिए. सामान्य तीर्थयात्रियों के जीवन को वीआईपी और विशेष अतिथियों के समान देखभाल और सुरक्षा का हक है. मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाएं.