नई दिल्ली: कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू, जो कि अपनी खींची हुईं तस्वीरों के लिए 2022 का पुलित्जर पुरस्कार जीत चुकी हैं, को वैध फ्रांसीसी वीजा होने के बावजूद भी इमिग्रेशन अधिकारियों ने दिल्ली से पेरिस के लिए उड़ान भरने से कथित तौर पर रोक दिया.
मट्टू ने एक ट्वीट में बताया कि वे एक बुक लॉन्च और सेरेन्डिपिटी आर्ल्स ग्रांट 2020 के दस विजेताओं में से एक के तौर पर फोटो प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस जा रही थीं. अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं देने संबंधी कारण नहीं बताए, बस इतना कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा नहीं कर सकतीं.
I was not give any reason but told I would not be able to travel internationally. (2/2)
— Sanna Irshad Mattoo (@mattoosanna) July 2, 2022
द वायर रिपोर्ट के अनुसार, मई 2022 में फ्रीलांस फोटोग्राफर मट्टू ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित अपने काम के लिए फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार जीता था.
फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू. फोटो: सोशल मीडिया
उन्हें ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार रॉयटर्स टीम के दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी, अमित दवे और अदनान आबिदी के साथ मिला था. इन फोटो पत्रकारों को यह पुरस्कार भारत में कोविड-19 संकट की कवरेज दौरान उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय काम के लिए मिला था.
कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय से कंवर्जेंट जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री रखने वाली सना का काम दुनिया के कई संस्थानों में प्रकाशित हुआ है. 2021 में उन्हें प्रतिष्ठित मैग्नम फाउंडेशन से फेलोशिप भी मिली थी.
सना इरशाद मट्टू. फोटो: सोशल मीडिया
यह पहली बार नहीं है जब किसी कश्मीरी पत्रकार को बिना किसी सूचना के देश छोड़ने से रोका गया है. सितंबर 2019 में, केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तुरंत बाद पत्रकार-लेखक गौहर गिलानी को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बॉन (जर्मनी) की यात्रा करने से रोक दिया गया था.