KV Rabia: केरल की मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता केवी राबिया का रविवार, 4 मई को केरल के मल्लपुरम में 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया. केवी राबिया केरल में साक्षरता अभियान में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जानी जाती है. सामाजिक कार्यों में विशेष योगदान के लिए उन्हें साल 2022 में पद्मश्री से नवाजा गया था.
बता दें कि 14 साल के उम्र से ही पोलियो से ग्रसित केवी राबिया के निधन से केरल समेत पूरे देश में शोक है. पीएम मोदी ने भी केवी राबिया के निधन पर शोक जताया.
‘साक्षरता को बढ़ावा देने में उनका कार्य हमेशा याद किया जाएगा’
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि पद्म श्री पुरस्कार विजेता केवी राबिया जी के निधन पर गहरी शोक संवेदनाएं. साक्षरता को बढ़ावा देने में उनका अग्रणी कार्य हमेशा याद किया जाएगा.
Pained by the passing away of Padma Shri awardee, KV Rabiya Ji. Her pioneering work in improving literacy will always be remembered. Her courage and determination, particularly the manner in which she battled polio, was also very inspiring. My thoughts are with her family and…
— Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2025
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि पोलियो से संघर्ष करते हुए उनका साहस और संकल्प भी बेहद प्रेरणादायक था. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं.
शिक्षा के लिए अपना पूरा जीवन किया समर्पित
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राबिया पोलियो के कारण 14 वर्ष की आयु में ही अपंग हो गई थीं और व्हीलचेयर पर रहते हुए उन्होंने घर से ही अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने जून 1992 में मलप्पुरम जिले के वेल्लिलक्कड़ के अपने पैतृक स्थान के पास तिरुरंगडी में सभी उम्र के निरक्षर लोगों के लिए साक्षरता अभियान शुरू किया. राबिया ने अपने समर्पण और हौसले के जरिए सैकड़ों निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया.
इसके बाद राबिया ने ‘चलनम’ नामक एक स्वयंसेवी संगठन शुरू किया और शिक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता तथा शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए सामाजिक कार्यों में एक्टिव हो गईं.
कई पुरस्कारों से हो चुकी हैं सम्मानित
बता दें कि राबिया को पहली बार पूरे देश ने तब जाना जब उन्हें साल 1994 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से नवाजा गया. इसके बाद साल 2022 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.