मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का नतीजा आ गया है. सबसे अधिक चौंकाने वाला नतीजा कुंदरकी विधानसभा का रहा. मुरादाबाद जिले की मुसलमान बहुल इस सीट पर भाजपा का परचम लहरा गया है. 64 फीसदी आबादी यहां मुस्लिमों की है. लेकिन इसके बावजूद रामवीर सिंह ठाकुर ने बंपर जीत दर्ज की है. यहां EVM में कुल 13 प्रत्याशियों की लिस्ट थी. एक थे- भाजपा के रामवीर और एक- नोटा. बाकी 11 कैंडिडेट मुसलमान थे. जीत भी सामान्य नहीं रही बल्कि रामवीर की जीत का अंतर एक लाख पहुंच गया. नतीजे के बाद सबकी जुबान पर एक ही चर्चा तेज है कि आखिर मुस्लिम बहुल इस सीट पर हिंदू प्रत्याशी की जीत हो कैसे गई? समाचार लिखे जाने तक भाजपा की जीत का अंतर एक लाख 27 हजार का है. यहां भाजपा ने ऐसा दांव आजमाया कि सारे समीकरण ध्वस्त हो गए. आइए समझते हैं कि वजह क्या रही?
कुंदरकी उपचुनाव में रामवीर सिंह ठाकुर ने विजयी बढ़त बना ली है. 25वें राउंड की समाप्ति तक उनको एक लाख 45 हजार वोट मिले. वहीं उनके बाद दूसरे नंबर पर मोहम्मद रिजवान रहे, जिन्हें 17 हजार 560 वोट मिले. तीसरे नंबर पर चांद बाबू रहे, जिन्हें वोट 11 हजार 39 मिले. औवैसी की पार्टी के नेता मोहम्मद वारिश को 5822 वोट मिले. इसके बाद अन्य प्रत्याशी हैं- रफातुल्ला, रिजवान हुसैन, रिजवान अली, शौकीन, मोहम्मद उवैश, मसरूर, मोहम्मद उबैश, सजैब शामिल हैं. इन सभी के खाते में दहाई से लेकर सैकड़े की संख्या तक वोट आए हैं.
मुरादाबाद जिले की कुंदरकी सीट ऐसी है, जिसका गणित ही अलग है. करीब 64 प्रतिशत की अधिक मुस्लिम आबादी वाली इस विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक हैं. यहां 12 प्रत्याशियों में से केवल एक ही हिंदू प्रत्याशी मैदान में उतरे- रामवीर सिंह ठाकुर, जिन्हें बीजेपी ने टिकट दिया और आखिरकार उनका दांव सफल हो गया. यहां भाजपा का दांव मुस्लिमों की तुर्क और राजपूत बिरादरी को साधने पर रहा.
दरअसल, मुरादाबाद और संभल इलाके में हिंदुओं की तरह मुस्लिम में भी अलग-अलग जातियां हैं. कुंदरकी सीट पर करीब 64 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं, जिनकी संख्या डेढ़ लाख के करीब है. यहां करीब 40 हजार तुर्क मुसलमान हैं. वहीं 1 लाख 10 हजार के करीब अन्य मुस्लिम जातियां हैं. कुंदरकी में मुस्लिम राजपूत मतदाताओं की संख्या करीब 45 हजार है.
भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ का पूरा जोर मुस्लिमों की राजपूत आबादी को भगवा झंडे के तले लाने में रहा. यूपी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली भी रामवीर ठाकुर के समर्थन में मुसलमानों की बैठक कराते रहे. भाजपा नेता के कहने पर यहां आए मुसलमानों ने हाथ उठाकर अल्लाह के नाम पर शपथ ली. यहां रामवीर को वोट किए जाने का वादा किया गया.
एक और अहम वजह सपा कैंडिडेट हाजी रिजवान को लेकर नापसंदगी की वजह भी सामने आई है. उनकी मुसलमानों के बीच मजबूत पकड़ नहीं होना भी बीजेपी के लिए मुफीद रहा. इतना ही नहीं उनके मुस्लिम तुर्क जाति से होने के चलते मुस्लिमों की दूसरी बिरादरी भी बीजेपी के पक्ष में लामबंद हो गई. इसका सीधा लाभ भाजपा को मिला. रामवीर सिंह खुद को मुस्लिमों के हमदर्द बताते रहे, जिससे जमकर उनके पक्ष में वोटिंग हुई.
रामवीर ठाकुर भी मुस्लिमों की सभा में जालीदार टोपी और अरबी रुमाल पहनकर वोट मांगते नजर आए. तुर्क मुसलमानों के वर्चस्व वाली कुंदरकी सीट पर भाजपा ने मुस्लिम राजपूतों को साधने का दांव खेला, जिसने जीत का सेहरा बांध दिया. दरअसल यहां तुर्क मुसलमानों का दबदबा रहा है या फिर सहसपुर बिलारी राजघराने का. इस बार रामवीर ने सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए हैं.