पटना (बिहार): बिहार की राजनीतिक संकट के बीच जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. एक नए ‘महागठबंधन’ की घोषणा करने के बाद, जिसमें तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य विपक्षी दल शामिल हैं, नीतीश बुधवार दोपहर को शपथ लेंगे. दिलचस्प बात यह है कि यह आठवीं बार होगा जब नीतीश कुमार बिहार के सीएम के रूप में शपथ लेंगे.
यहां वर्ष 2000 के बाद से आठ बार नीतीश ने बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली है:
- पहली बार: मार्च 2000
- दूसरी बार: नवंबर 2005
- तीसरी बार: नवंबर 2010
- चौथी बार: फरवरी 2015
- पांचवीं बार: नवंबर 2015
- छठी बार: जुलाई 2017
- सातवीं बार: नवंबर 2020
- आठवीं बार: 10 अगस्त, 2022
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव के भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है. बिहार के राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजद के तेजस्वी यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे महागठबंधन में निर्दलीय विधायकों सहित 164 विधायकों सहित सात दल होंगे.
कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले (भाजपा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ अपना गठबंधन समाप्त कर दिया और बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक विकास के दिन राजद के साथ फिर से हाथ मिला लिया. कुमार के नए गठबंधन सहयोगी राजद के एक ट्वीट के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 2 बजे राजभवन में होगा. माननीय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह कल दोपहर 2 बजे राजभवन में होगा. पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में कहा.
मंगलवार को, जब कई तेज-तर्रार राजनीतिक घटनाक्रम हुए, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की. पहले एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपने के लिए और फिर राजद के नेतृत्व वाले ‘महागठबंधन’ के नेता चुने जाने के बाद. कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों की एक सूची सौंपी है जो यह तय करेंगे कि शपथ कब ली जा सकती है. राज्य विधानसभा की प्रभावी ताकत 242 है और जादुई आंकड़ा 122 है.
इस बीच, भाजपा ने नीतीश कुमार पर उनके फैसले पर हमला किया और कहा कि उन्होंने ‘बिहार के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान किया है.’
तेजस्वी यादव के साथ मीडिया से बात करने वाले नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें महागठबंधन में सात पार्टियों का समर्थन प्राप्त है.
तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमला किया और दावा किया कि पार्टी का हिंदी भाषी क्षेत्र में कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है. उन्होंने भाजपा पर उन पार्टियों को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जिनके साथ वह गठबंधन करती है.
उन्होंने कहा, ‘हिंदी क्षेत्र में भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है. इतिहास बताता है कि भाजपा उन पार्टियों को नष्ट कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है. हमने पंजाब और महाराष्ट्र में ऐसा होते देखा है.’
उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टिप्पणी का भी जिक्र किया. ‘जेपी नड्डा ने कहा कि वे क्षेत्रीय दलों को खत्म कर देंगे. बीजेपी सिर्फ लोगों को डराना और खरीदना जानती है. आडवाणी जी के ‘रथ’ को रोका और हम किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे.’
(इनपुट आईएएनएस/न्यूज़ ओसियन)