Homeदेश'संभल मस्जिद में रमजान से पहले रंगाई- पुताई की जरूरत नहीं,'...

‘संभल मस्जिद में रमजान से पहले रंगाई- पुताई की जरूरत नहीं,’ ASI ने हाईकोर्ट में कहा, कमेटी ने किया विरोध

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए रिपोर्ट मांगी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि पवित्र महीने रमाजान को देखते हुए मस्जिद की रंगाई- पुताई की जरूरत है.

Sambhal Masjid Update: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज यानी कि शुक्रवार, 28 फरवरी को संभल की शाही मस्जिद में रमजान से पहले रंगाई- पुताई मुद्दे पर सुनवाई हुई. जहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने कहा कि संभल की शाही मस्जिद में रमजान से पहले रंगाई- पुताई की जरुरत नहीं है.

मस्जिद में रमजान से पहले सफेदी की आवश्यकता नहीं

बार एंड बैंच की एक रिपोर्ट के अनुसार ASI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि सम्भल स्थित विवादास्पद शाही जामा मस्जिद को रमजान से पहले सफेदी कराने की आवश्यकता नहीं है. ASI ने हाईकोर्ट के समक्ष कहा कि पूरी मस्जिद में इनेमल पेंट चढ़ा हुआ है और यह अच्छी स्थिति में है.

मस्जिद की प्रबंधन समिति का दावा ASI की रिपोर्ट गलत

वहीं सुनवाई के दौरान शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने इस पर आपत्ति जताते हुए जोर देकर कहा कि सफेदी जरूरी है और दावा किया कि ASI की रिपोर्ट गलत है. इसलिए, जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बैंच ने मस्जिद समिति को रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया या आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए 4 मार्च तक का समय दिया.

हालांकि हाईकोर्ट ने मस्जिद परिसर की सफाई का निर्देश दिया. जिसमें अंदर और आसपास से धूल और वनस्पति को हटाना शामिल है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था

बता दें कि संभल शाही मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने रमजान से पहले मस्जिद में रमजान से पहले रंगाई- पुताई के काम की इजाजत मांगी थी. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल गुरुवार, 27 फरवरी को तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए रिपोर्ट मांगी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि पवित्र महीने रमाजान को देखते हुए मस्जिद की रंगाई- पुताई की जरूरत है. लेकिन इस दौरान मस्जिद में बिना किसी कोई भी नुकसान जैसे कि ढांचे आदि को नुकसान पहुंचाए बिना रंगाई- पुताई कैसे होगी ये कमेटी की रिपोर्ट के बाद कोर्ट तय करेगा.

हाईकोर्ट ने बनाई थी कमेटी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस विशेष कमेटी में तीन सदस्य होंगे. इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का एक विशेषज्ञ होगा, जो यह देखेगा कि मस्जिद की ऐतिहासिक संरचना को किसी तरह का नुकसान ना हो. वहीं एक वैज्ञानिक होगा जो रंगाई के लिए इस्तेमाल होने वाले लामाग्रियों का विश्लेषण करेगा. इसके अलावा प्रशासन का एक अधिकारी भी होगा, जो पूरे कार्य की निगरानी करेगा.

spot_img
1,712FansLike
6,648FollowersFollow
118FollowersFollow
15,300SubscribersSubscribe