Supreme Court On Waqf Act: वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज यानी कि गुरुवार, 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को सात दिन का समय दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया है कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, तब तक वक़्फ़ काउंसिल और बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी.
‘कानून पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती’
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि उसने पहले भी कानून के कुछ पहलुओं को पॉजीटिव पाया था और दोहराया कि इस समय कानून पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहता कि मामला विचाराधीन रहने के दौरान मौजूदा हालात में कोई बदलाव किया जाए.
सॉलिसिटर जनरल ने क्या कहा?
वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वक़्फ़ एक्ट एक सोचा समझा हुआ कानून है. उन्होंने यह भी कहा कि पूरे अधिनियम पर रोक लगाना एक कठोर कदम होगा और उन्होंने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा.
अमानतुल्लाह खान ने कहा
इस दौरान AAP नेता, विधायक और वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट, जजों और अधिवक्ताओं का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने धर्म से ऊपर उठकर देश की रक्षा करने में हमारी मदद की. हम फैसले से संतुष्ट हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि वक़्फ़ -बाय-यूजर के तहत संपत्तियां वक़्फ़ के पास ही रहेंगी और वक़्फ़ बोर्ड के सदस्यों से भी हस्तक्षेप नहीं होगा. केंद्र सरकार सात दिन में जवाब देगी. उन्होंने आगे कहा कि डीएम कोर्ट से ऊपर कैसे हो सकता है – वह प्रावधान (अधिनियम से) निश्चित रूप से हटाया जाएगा. वक़्फ़ बोर्ड वैसे ही बना रहेगा.
‘इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं’
वहीं AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं. कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल और स्टेट वक़्फ़ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा और ‘वक़्फ़ बाय यूजर’ को हटाया नहीं जा सकता. जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था. इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.
अगली सुनवाई पांच मई को
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता केंद्र के जवाब पर पांच दिन में प्रत्युत्तर दाखिल कर सकते हैं, जिसके बाद वह मामले को अंतरिम आदेश के लिए सूचीबद्ध करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच मई की अगली तारीख तय की.