नई दिल्ली: हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मनमोहन सिंह को खिराजे अकीदत पेश की है और कहा है कि वह उनकी मौत से दुख में हैं. एएनएआई को दिए गए इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा कि तमाम मुल्क जो आज गम में है मैं उसमें शामिल हूं.
असदुद्दीन ओवैसे ने न्यूज एजेंसी एएनएआई को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “मैं अपनी और मेरी पार्टी की जानिब से साबिक पीएम मनमोहन सिंह को खिराजे अकीदत पेश करता हूं. यह बात सच है कि मनमोहन सिंह पार्टीशन के एक रेफ्यूजी थे. इसके बाद वह अपनी ज़ाती मेहनत से तरक्की करते गए.”
#WATCH | Delhi | Speaking on late former PM Dr Manmohan Singh, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, “On behalf of my party I express my deepest condolences. to his family…He was the first PM who worked for the upliftment of marginalised communities and also the Muslim community.… pic.twitter.com/Q1F36c2TfQ
— ANI (@ANI) December 27, 2024
ओवैसी ने आगे कहा कि वह आरबीआई के गर्वनर बने और फिर भारत के फाइनेंस और 2004 में वह इस मुल्क के प्रधानमंत्री बने. वह भारत के इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपने कार्यकाल में मार्जिनलाइज्ड कम्युनिटी खास तौर पर मुसलमानों को अपलिफ्ट करने की कोशिश की.
असदुद्दीन कहते हैं कि उनके इंतेकाल से हमारे वतन-ए-अजीज ने एक अपने खास सपूत को खोया है. तमाम मुल्क जो आज गम में है, मैं उसमें शामिल हूं. बता दें, मनमोहन सिंह का इंतेकाल बीती रात को हुआ है. वह दिल्ली के एम्स में भर्ती थे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था. उन्होंने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी मैट्रिक की शिक्षा पूरी की थी. पंजाब से वह ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी तक पहुंचे. उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की.
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री थे. साल 1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. वहीं, 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उन्होंने काम किया.
मनमोहन सिंह ने विभिन्न सरकारी पदों पर रहे, उनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल है. सिंह 1991 से लेकर 1996 के बीच भारत के वित्तमंत्री भी रहे. मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को आज याद किया जाता है.
पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर अपने शोक संदेश में कहा…
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
“भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है. साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने. उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे. हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए.”