नई दिल्ली: दिल्ली में अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया कि किसी भी व्यक्ति विशेष के द्वारा चर्चा व बहस में किसी भी धर्म के देवी, देवताओं, पैगंबरों को निशाना बनाने की निंदा की जानी चाहिए और कानून के अनुसार निपटा जाना चाहिए।
साथ ही इंटरफेथ डायलॉग में आए सभी लोगों ने दृढ़ता से अनुशंसा करते हुए बोले अगर किसी भी व्यक्ति या संगठन को किसी भी माध्यम से समुदायों के बीच नफरत फैलाने के सबूत के साथ दोषी पाया जाता है तो कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
'PFI, radical organisations must be banned': Sufi Council raises demand in presence of NSA Doval
Read @ANI Story | https://t.co/WvLTMromRh#PFI #AjitDoval #AISSC #antinationalpfi pic.twitter.com/MCHY7SWhYT
— ANI Digital (@ani_digital) July 30, 2022
पीएफआई और ऐसे किसी भी अन्य मोचरें जैसे संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। एनएसए की उपस्थिति में अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया।
एनएसए डोभाल ने कहा, “वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं, यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और देश के बाहर भी फैल रहा है।” उन्होंने कहा, ‘हमें मूकदर्शक बने रहने के बजाय अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों पर जमीनी स्तर पर काम करना होगा। हमें भारत के हर वर्ग को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं, हमें इस पर गर्व है और यहां हर धर्म को स्वतंत्रता के साथ स्वीकार किया जा सकता है।”
Instead of being mute spectators, we have to work on the ground on our differences along with strengthening our voices.We've to make every sect of India feel that we are a country together, we are proud of it & that every religion can be professed with freedom here:NSA Ajit Doval pic.twitter.com/z4CXsALZzd
— ANI (@ANI) July 30, 2022
मुस्लिम नेताओं ने प्रतिबंध की मांग की
बैठक में मौजूद मुस्लिम नेताओं ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। एनएसए डोभाल की अध्यक्षता में अंतर-धार्मिक बैठक में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं ने भाग लिया। धार्मिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के आउटरीच के हिस्से के रूप में आयोजित इस सम्मेलन में सूफी संतों ने भी भाग लिया।
इस तरह की बैठक आयोजित करके मोदी सरकार की पहल ऐसे समय में आई है जब निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर पर विवादास्पद टिप्पणी और सूफी बरेलवी मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग की चरम प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर देश में धार्मिक कलह चरम पर है।
Some elements are trying to create an atmosphere that's vitiating the progress of India. They're creating acrimony & conflict in the name of religion & ideology, it's affecting the entire country while spilling over outside the country too: NSA Ajit Doval in Delhi pic.twitter.com/5oqoS3Htnh
— ANI (@ANI) July 30, 2022
नुपुर शर्मा की टिप्पणी के खिलाफ पश्चिमी एशियाई देशों के विरोध के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने भाजपा नेता को निलंबित कर दिया था। हालांकि, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हिंसा की खबरें आने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए।
(इनपुट आईएएनएस/हिन्दुस्तान)