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मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और एडिटर्स गिल्ड ने की कड़ी निंदा, तुरंत रिहाई की मांग की

नई दिल्ली: ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सवाल उठाए हैं. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि यह विडंबना है कि दिल्ली पुलिस द्वारा मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी उस दिन हुई जब भारत ने ऑनलाइन और ऑफलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जी7 और चार अन्य देशों के साथ हाथ मिलाया है.

इसके साथ ही प्रेस क्लब ने दिल्ली पुलिस से ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को तुरंत रिहा करने की मांग की है. वहीं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को ‘बेहद चिंताजनक’  और ‘शर्मनाक’ करार दिया है.

एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में कहा है कि ‘जुबैर और उनकी वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने पिछले कुछ सालों में फेक खबरों की पहचान करने और दुष्प्रचार अभियानों का मुकाबला करने के लिए बहुत ही उद्देश्यपूर्ण और तथ्यात्मक तरीके से अनुकरणीय काम किया है.’

मिल्लत टाइम्स न्यूज़ के अनुसार, जुबैर को दिल्ली पुलिस ने ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और दंगे भड़काने’ के आरोप में गिरफ्तार किया है. जुबैर के लिए प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट कर कहा है कि ‘2020 के एक मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल  पूछताछ के लिए बुलाया था. इस मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें गिरफ़्तारी से सुरक्षा दे रखी थी.’

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर

लेकिन सोमवार शाम 06.45 बजे हमे बताया गया कि उन्हें एक दूसरे एफ़आईआर के बार गिरफ़्तार किया गया है. क़ानूनी प्रावधानों के अनुसार उन्हें जिन धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया गया है उसके अनुसार एफ़आईआर की कॉपी हमें देना अनिवार्य होता है. लेकिन बारबार गुज़ारिश करने के बाद भी हमें एफ़आईआर की कॉपी नहीं दी गई.

वहीं मीडिया ख़बरों के अनुसार, ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को गिरफ्तार कर एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

33 वर्षीय जुबैर को एक विशेष धार्मिक समुदाय की भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

अधिकारी ने कहा, अलग मामले में उनसे आईपीसी की धारा 153ए (सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कृत्य करना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) के तहत पूछताछ की गई और उनकी भूमिका आपत्तिजनक पाई गई.

इसके अलावा ट्विटर पर मोहम्मद जुबैर के लिए #Istandwithzubair ट्रेंड कर रहा है. #freezubair की मांग भी हो रही है.

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