Tamil Nadu: तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान (RGNIYD) ने तीन मुस्लिम स्टूडेंट्स को कथित रूप से नारे लिखने की वजह से 25 मई को निलंबित कर दिया. तीनों स्टूडेंट्स मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे थे. निलंबित होने की वजह से तीनों स्टूडेंट्स लास्ट सेमेस्टर का एग्जाम भी नहीं दे सके.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मास्टर ऑफ सोशल वर्क (MSW) के तीन मुस्लिम स्टूडेंट्स असलम एस, सईदा एम ए और निहाल एन अबुल्लैस को कथित रूप से हॉस्टल की दीवारों पर “जय भीम” और “फ्री फिलिस्तीन” के नारे लिखने के आरोप में निलंबित कर दिया है. तीनों स्टूडेंट्स को लास्ट सेमेस्टर के एग्जाम से एक दिन पहले संस्थान ने निलंबित कर दिया है.
संस्थान ने तीनों मुस्लिम स्टूडेंट्स को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया और आंतरिक अनुशासन समिति के निष्कर्षों के आधार पर सस्पेंड कर दिया.
पीड़ित स्टूडेंट्स ने क्या कहा?
सस्पेंड होने के बाद पीड़ित छात्र असलम एस, सईदा एम ए और निहाल एन अबुल्लैस ने एक संयुक्त बयान जारी कर इसका खुलासा किया. उन्होंने कहा कि 25 मई 2025 को उन्हें RGNIYD प्रशासन ने यह कहते हुए तत्काल निष्कासित और निलंबित कर दिया कि वे कथित तौर पर ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ और हॉस्टल की संपत्ति को देश विरोधी सामानों से खराब करने में शामिल थे. हाालंकि स्टूडेंट्स ने इस प्रकार के किसी भी आरोपों से इंकार कर दिया.
स्टूडेंट्स ने आरोपों से किया इंकार
उन्होंने कहा कि हम हॉस्टल की दीवारों पर नारे लिखने या उन्हें प्रदर्शित करने में किसी भी तरह से शामिल नहीं थे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जिन नारों की बात की हैं, उनमें ‘फ्री फिलिस्तीन’ और ‘जय भीम’ जैसे शब्द शामिल है, जो किसी भी लिहाज से कानूनी या संवैधानिक मापदंड में देश विरोधी नहीं माने जा सकते हैं.
‘कार्रवाई पक्षपातपूर्ण’
स्टूडेंट्स ने यह भी कहा कि उनपर हुई कार्रवाई पक्षपातपूर्ण थी और इसमें पारदर्शिता का अभाव था. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस स्पष्टीकरण का समर्थन करने वाले दस्तावेज हैं, जिन्हें समिति ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया.
स्टूडेंट्स के समर्थन में प्रोटेस्ट
तीनों स्टूडेंट्स के निलंबन के बाद छात्रों और पूर्व छात्रों ने पीड़ित छात्रों के समर्थन में रैली निकालना शुरू कर दिया है, सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट करते हुए प्रशासन से पारदर्शिता और न्याय की मांग की है.