नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने अपने प्रेस बयान में कहा कि ईद उल-अज़हा मुसलमानों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हमें अल्लाह के दो पैगंबर हजरत इब्राहिम (अ) और हजरत इस्माइल (अ) की याद दिलाता है.
यह हमें इस तथ्य की ओर आकर्षित करता है कि हम अल्लाह के लिए किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयार रहें और तौहीद के सिद्धांत पर कायम रहें.
ईद उल-अज़हा के अवसर पर क़ुर्बानी की जाती है और दुनिया के अन्य धर्मों में भी इसकी अवधारणा है, लेकिन क़ुर्बानी करते समय यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसा कुछ भी न करें जिससे दूसरे भाइयों को नुकसान पहुंचे, शांति को नुकसान पहुंचे, गंदगी न करें, जानवर का गंदा हिस्सा सड़क पर और बस्तियों में नहीं फेंकना चाहिए, ये सभी चीजें शरीयत के खिलाफ हैं.
कानून का पालन करना और समाज को बीमारियों से बचाना हमारा दायित्व है. स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए.