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संभल में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक, इंटरनेट-स्कूल बंद, कर्फ्यू जैसे माहौल

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं. संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है.

जानकारी के मुताबिक, हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं. उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

जनता से रिश्ता की खबर के अनुसार, जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल भी बंद भी किए गए हैं. दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं. सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है.

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. संभल में इस समय कर्फ्यू जैसे माहौल हैं.

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया. सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी. इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया. स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए.

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है.

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है. इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था. इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया.

अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया. हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे.

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी. इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था.

वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने संभल हिंसा पर कहा, “संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह ​हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा.

सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए.

प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाएं रखें”.

बता दें कि हिंदू पक्ष द्वारा दावा किया गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनवाया गया है और मस्जिद समिति इसका अनाधिकृत उपयोग कर रही है. हिंदू पक्ष का दावा है कि बाबर ने 1529 में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उन्होंने ऐतिहासिक साक्ष्यों और हिन्दू आस्था के आधार पर यह याचिका दाखिल की है.

विष्णु शंकर जैन ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार, पुरातत्व विभाग (ASI), संभल के जिलाधिकारी और जामा मस्जिद कमेटी को पक्षकार बनाया है. उन्होंने कहा कि यह विवादित ढांचा पुरातत्व विभाग (ASI) द्वारा संरक्षित स्थल है. उन्होंने दावा किया है कि हरिहर मंदिर को वर्तमान समय में गलत ढंग से मस्जिद के रूप में प्रयोग किया जा रहा है.

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