Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से मात्र कुछ महीने पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी द्वारा वक़्फ़ संशोधन एक्ट को समर्थन देने से नाराज JDU के वरिष्ठ नेता हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. परवेज सिद्दीकी ने JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतिश कुमार को पत्र लिखते हुए पार्टी के प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. साथ ही कहा कि मेरे साथ जुड़े हजारों कार्यकर्ता एवं लाखों समर्थक भी जदयू से अपना त्यागपत्र देते हैं.
JDU के एजेंडे से परवेज सिद्दीकी दुखी
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जेडीयू राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दीकी ने कहा कि मैंने पार्टी के सदस्य रहते हुए, 7 अप्रैल की देर शाम को सुप्रीम कोर्ट में इस एक्ट के खिलाफ याचिका दाखिल की, यह विश्वास करते हुए कि आप स्वयं इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करेंगे. परंतु आपकी चुप्पी ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब जदयू की प्राथमिकता मुस्लिम समाज की भावनाओं की रक्षा नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी अब एक धर्मनिरपेक्ष दल नहीं रही, बल्कि बीजेपी की विचारधारा के साथ कदमताल कर रही है.
‘JDU बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है’
परवेज सिद्दीकी ने आगे कहा कि मैंने सीमांचल क्षेत्र में भी जदयू के लिए पूरी निष्ठा से कार्य किया, बिहार के हजारों अल्पसंख्यक मतदाताओं को पार्टी से जोड़ा, “अकलियत बिदारी कारवां” का नेतृत्व किया और पार्टी की नीति को जन-जन तक पहुंचाया. फिर भी आज, पार्टी और सरकार में कई लोग मुस्लिम समाज की अपेक्षाओं को दरकिनार कर बीजेपी के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहे हैं.
‘मेरे लिए कौम की इज्जत और हक़ की लड़ाई अधिक अहम’
परवेज सिद्दीकी ने यह भी कहा कि कुछ नेताओं ने मदरसा बोर्ड, माइनॉरिटी कमीशन और निगमों के पदों की पेशकश की, परंतु मेरे लिए हमारी कौम की इज्जत और हक़ की लड़ाई कहीं अधिक अहम है.
‘मुस्लिम समाज की भावनाओं के साथ छल’
उन्होंने आगे कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान मैंने बिहार के अनेक क्षेत्रों में जनता दल यूनाइटेड के लिए भरपूर मेहनत की. खासकर कई वरिष्ठ मंत्रियों जैसे श्री विजय चौधरी जी और पार्टी के अन्य विधायकों के समर्थन में मुस्लिम समाज से वोट दिलवाने में प्रमुख भूमिका निभाई. लेकिन आज वही नेता उस सहयोग और समर्थन को भूल चुके हैं और बीजेपी की विचारधारा के अनुसार कार्य कर रहे हैं. यह न सिर्फ विश्वासघात है, बल्कि हमारे समाज की भावनाओं के साथ छल भी है.
‘मुस्लिम समाज सिर्फ वोट बैंक नहीं’
परवेज सिद्दीकी ने नाराजगी के साथ कहा कि इस बार उन्हें एहसास दिलाया जाएगा कि मुस्लिम समाज सिर्फ वोट बैंक नहीं, बल्कि अपने हक और सम्मान के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है.