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शाहीन ग्रुप ने भारत के बाहर अपने एकेडमी की शुरुआत की… ताजिकिस्तान में खोला अपना पहला मेडिकल कॉलेज

विदेश में संचालित शाहीन एकेडमी के डायरेक्टर डॉ. शुभम गौतम ने बताया कि हमारा मकसद है कि भारत के प्राइवेट कॉलेजों से बेहतर शिक्षा देंगे. शाहीन एकेडमी के मॉडल की ही तरह वहां भी बेहतर सुविधाएं रहेंगी.

Shaheen Group Academy In Tajikistan: शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने पहली बार भारत के बाहर ताजिकिस्तान में अपने एकेडमी की शुरूआत की है. जहां बच्चों को कम खर्च में बेहतर सुविधाओं के साथ मेडिकल की बेहतर शिक्षा दी जाएगी. इसकी जानकारी शाहीन ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. अब्दुल क़दिर ने एक प्रेस कांफ्रेंस मे दी. इस दौरान सदा टाईम्स के एडिटर मो. इरशाद आलम ने विदेश में संचालित शाहीन एकेडमी के डायरेक्टर डॉ. शुभम गौतम से शिक्षा, फीस, हॉस्टल आदि विषय पर बातचीत की.

इस दौरान डॉ. शुभम गौतम बताया कि हाल ही में शाहीन एकेडमी ने मेडिकल सोशल इंस्टीट्यूट ताजिकिस्तान के साथ ज्वाइन्ट वेन्चर किया है. जहां पांच साल का मेडिकल प्रोग्राम और एक साल का इंटर्नशिप कराया जाएगा. यह कॉलेज WFME और WHO दोनों जगहों से मान्यता प्राप्त है.

डॉ. शुभम ने आगे बताया कि यहां हॉस्टल, शिक्षा और टीचर्स को शाहीन एकेडमी ही मैनेज करेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि जो बच्चा यहां से पढ़ेगा वह ग्लोबली कहीं भी प्रैक्टिस कर सकता है.

‘भारत के प्राइवेट कॉलेजों से बेहतर शिक्षा’

एजुकेशन क्वालिटी की बात करते हुए डॉ. शुभम ने बताया कि हमारा मकसद है कि भारत के प्राइवेट कॉलेजों से बेहतर शिक्षा देंगे. शाहीन एकेडमी के मॉडल की ही तरह बेहतर सुविधाएं रहेंगी.

कैसा रहेगा शिक्षा मॉडल?

डॉ. शुभम गौतम ने बताया कि स्टूडेंट्स को वहां (ताजिकिस्तान) से पांच साल की पढ़ाई और एक साल की इंटर्नशिप कर लेने के बाद भारत में प्रैक्टिस करने के लिए फोरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) की परीक्षा में क्वालीफाई करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि FMGE की परीक्षा की तैयारी हमलोग पहले ही सेमेस्टर से कराते हैं.

डॉ. शुभम ने यह भी कहा कि हो सकता है कि आने वाले सालों में भारत से पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए भी जरूरी हो जाए. यह अभी अंडर प्रोसेस है शायद 2028 या 29 में ऐसा हो सकता है.

डॉ. शुभम गौतम ने बताया कि स्टूडेंट जब वहां (ताजिकिस्तान) जाएगा और बेहतर क्वालिटी की एजुकेशन लेगा तो आसानी से यह एग्जाम पास कर जाएगा.

सीटें और फीस कितनी?

उन्होंने बताया कि वहां 500 सीटें है और लगभग इतने बच्चे एडमिशन के लिए आ चुके हैं. फीस स्ट्रक्चर की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी फीस काफी नॉर्मल है. 4000 डॉलर सालाना फीस है. साथ ही अगर किसी को एक बार इतनी ज्यादा फीस देने में दिक्कत होगी तो वो दो बार (पर सेमेस्टर) दो-दो हजार डॉलर दे सकते हैं.

रहने और खाने का खर्च मिनिमम

डॉ. शुभम गौतम ने बताया कि टोटल ट्यूशन फीस की बात करें तो पांच साल में लगभग साढ़े सतरह लाख लगेंगे. वहीं रहने का खर्च साढ़े तीन से चार हजार और खाने का खर्च लगभग 10 हजार हर महीने होगा.

शाहीन एकेडमी ने यह शुरूआत इसलिए की है कि जो बच्चे कटऑफ क्लियर नहीं कर पा रहे हैं या फिर यहां एडमिशन नहीं ले सकते हैं तो वह स्टूडेंट्स सेम क्वालिटी का एजुकेशन वहां ले सकते हैं.

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