सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया आदेश..तीन तलाक मामले में अब तक दर्ज FIR रिपोर्ट की सूची दें

Supreme Court on Triple Talaq: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 29 जनवरी को तीन तलाक कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को 1991 के मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन करके अपने जीवनसाथी को तीन तलाक देने वाले पुरुषों के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोपपत्रों की संख्या की जानकारी देने आदेश दिया.

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बैंच ने की सुनाई
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बैंच ने 1991 के कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 12 याचिकाओं पर सुनवाई की. जहां उन्होंने केंद्र और अन्य पक्षों से याचिकाओं पर अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को भी कहा.

मामले के याचिकाकर्ता यह हैं

बैंच ने इन याचिकाओं पर सुनवाई 17 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में तय की है. कोझिकोड स्थित मुस्लिम संगठन “समस्त केरल जमीयतुल उलेमा” इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता है.

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बैंच ने कहा कि केंद्र सरकार मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 3 और 4 के तहत लंबित कुल एफआईआर और आरोप पत्र की संख्या दाखिल करेगी. वहीं पक्षकार अपने तर्क के समर्थन में तीन पेज में लिखित प्रस्तुतियां भी दाखिल करेंगे.

देश में तीन तलाक गैर कानूनी

देश में 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक को लेकर कानून बनाया गया था. इस कानून के तहत तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक देना गैर कानूनी है.

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