नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावों के बीच एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अदालत के उस आदेश की निंदा की है, जिसमें सर्वेक्षण में शिवलिंग की खोज की जगह को सील करने का निर्देश दिया गया है.
ओवैसी ने ट्वीट किया, यह बाबरी मस्जिद में दिसंबर, 1949 में हुए वाकये का दोहराव है. यह आदेश ही मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है. यह 1991 के अधिनियम का उल्लंघन है. ऐसी मेरी आशंका थी और अब यह सच हो गया है. ज्ञानवापी मस्जिद थी और रहेगी, फैसले के दिन तक मस्जिद रहेगी. इंशाअल्लाह!
This is a textbook repeat of December 1949 in Babri Masjid. This order itself changes the religious nature of the masjid. This is a violation of 1991 Act. This was my apprehension and it has come true. Gyanvapi Masjid was & will remain a masjid till judgement day inshallah https://t.co/8r4051ktkw
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 16, 2022
आरोप है कि 1949 में विवादित बाबरी मस्जिद के अंदर मूर्तियां रखी गई थीं. हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में राम मंदिर को जमीन दे दी है और निर्माण कार्य जोरों पर है.
सोमवार को हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दावा किया कि कुएं के अंदर एक शिवलिंग मिला है. वकील विष्णु जैन ने कहा कि वह इसकी सुरक्षा के लिए दीवानी अदालत जाएंगे.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद इस समय कानूनी लड़ाई का सामना कर रही है.
वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद की संरचना की जांच करने का निर्देश दिया है.
मस्जिद परिसर में पूजा के हिंदू प्रतीकों की मौजूदगी के दावों के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया गया है.
दिल्ली की पांच महिलाएं- राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू और अन्य ने 18 अप्रैल, 2021 को अपनी याचिका के साथ अदालत का रुख किया था, जिसमें इसकी बाहरी दीवारों पर हिंदू देवताओं की मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगी गई थी.
उन्होंने विरोधियों को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने की भी मांग की.
दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था.
उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे.
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)