Pahalgam Attack: जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में कल यानी कि मंगलवार, 22 अप्रैल को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ. इस हमले 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं. इसी बीच इस हमले में अपनी जान गंवाने वाले सैयद हुसैन शाह की बहादूरी को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है.
दरअसल इस घटना में जम्मू कश्मीर के अशमुकाम के रहने वाले सैयद हुसैन शाह की मौत हो गई. सैयद हुसैन वहां टूरिस्ट को अपने घोड़े से सैर कराने का काम करता था.
‘निहत्थे ही आतंकियों से भीड़ गया’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब आतंकवादी कथित रूप से धर्म पूछकर सैलानियों को गोली मार रहे थे तब सैयद हुसैन शाह इस घटना को सहन नहीं कर पाया और निहत्थे ही आतंकियों से भीड़ गया, जिससे कई हिंदू सैलानियों की जान बच गई और उसकी जान चली गई.
‘सैलानी मासूम है उनके साथ ऐसा न करें’
मीडिया की खबरों के अनुसार, चश्मदीदों ने बताया है कि जब आतंकवादियों ने टूरिस्टों पर हमला किया तो सैयद हुसैन मौके पर मौजूद था. उन्होंने आतंकवादियों को रोकते हुए जान से मारने से मना किया. उन्होंने कहा कि सैलानी मासूम है उनके साथ ऐसा न करें. सभी सैलानी कश्मीर के मेहमान है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इनका धर्म क्या है? लेकिन आतंकवादियों ने सैयद हुसैन शाह को धक्का दे दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गया.
चश्मदीदों ने आगे बताया कि उसने आतंकी के हाथ से A-47 छीनने की कोशिश की, इस दौरान राइफल से गोली चल गई और सैयद हुसैन शाह के शरीर में लग गई, जिससे वह जख्मी हो गया लेकिन उसने आतंकी की रायफल नहीं छोड़ी
‘उनकी बहादुरी और बलिदान की वजह से कई लोगों की जान बची’
सैयद हुसैन शाह के एक दोस्त बिलाल ने बताया कि अगर सैयद हुसैन चाहते तो अपनी जान बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने वहां से भागने की बजाय आतंकवादियों से मुकाबला किया. उनकी बहादुरी और बलिदान की वजह से कई लोगों की जान बच पाई है. अगर उन्होंने आतंकियों से मुकाबला नहीं किया होता तो शायद आज बैसरन में मौजूद सभी लोग मारे गए होते.
कौन हैं सैयद हुसैन शाह?
सैयद हुसैन शाह (Syed Hussain Shah) पहलगाम के पार मौजूद अशमुकाम का रहने वाला था. वह देश- विदेशों से आने वाले टूरिस्ट को अपने घोड़े से सैर कराता था, इससे उनकी और उनके परिवार की रोजी-रोटी चलती थी. वह अपने परिवार में सबसे बड़े थे. सैयद हुसैन शाह 23 अप्रैल को भी टूरिस्ट को लेकर बैसरन गया हुआ था. जहां टूरिस्ट को बचाते- बचाते खुद अपनी जान गंवा दी.