Waqf Amendment Act 2025: वक़्फ़ संसोधन एक्ट के खिलाफ लगातार विरोध जारी है. देश भर के मुसलमान और मुस्लिम तंजीमें इसके विरोध पर प्रदर्शन कर रही है और वक़्फ़ कानून को वापस लेने की मांग कर रही है. इसी बीच बीजेपी सांसद और वक़्फ़ संसोधन एक्ट के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने शुक्रवार, 18 अप्रैल को एक बड़ा बयान दिया है.
‘अगर हमारी रिपोर्ट असंवैधानिक तो मैं इस्तीफा दे दूंगा’
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने कहा कि अगर हमारी रिपोर्ट असंवैधानिक है या धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.
जगदम्बिका पाल ने आगे क्या कहा?
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि 12 घंटे से ज़्यादा की बहस के बाद यह बिल संसद में पारित हो चुका है और राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं. अब वक़्फ़ एक्ट देश का कानून है.
#WATCH | Lucknow | On Waqf Act, BJP MP and Waqf JPC chairman Jagdambika Pal says, “… The bill was passed in the Parliamnet and was signed by the President. Now, the Waqf Act is the law of the land… Some people gave a petition in the SC calling it unconstitutional and that it… pic.twitter.com/XmaQSTPd8k
— ANI (@ANI) April 18, 2025
जगदम्बिका पाल ने आगे कहा कि कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर इसे असंवैधानिक बताया है और कहा है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है. वक़्फ़ बोर्ड कोई धार्मिक संस्था नहीं है, यह सिर्फ वक़्फ़ की जमीन की देखभाल करता है. हर बार जब वे कोर्ट जाते हैं, तो यह स्पष्ट कर दिया जाता है कि यह एक वैधानिक संस्था है न कि धार्मिक संस्था.
‘विरोध राजनीतिक, देश को गुमराह किया जा रहा है’
JPC के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने वक़्फ़ बिल के खिलाफ लगातार हो रहे विरोध पर आगे कहा कि विरोध राजनीतिक है और देश को गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि 73 याचिकाएं दायर की गई है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से पांच-पांच वकील नियुक्त करने को कहा है. यह देश का कानून है और यह गरीब पसमांदा मुसलमानों के हक में है.