Waqf Amendment Bill: लोकसभा में बुधवार, 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. बिल के समर्थन में 288 ने और 232 ने विपक्ष में वोट डाले. रात के 2 बजे हुई वोटिंग में में 520 सांसदों ने भाग लिया. बिल के पास होने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है. बता दें कि आज यह बिल राज्यसभा में पेश होगा.
असदुद्दीन ओवैसी ने बिल की कॉपी फाड़ी
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चर्चा के दौरान इस बिल का कड़ा विरोध करते हुए इसे फाड़ दिया. ओवैसी ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है. मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं.
ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को खत्म करने की साजिश है. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों की धार्मिक संपत्तियों को संरक्षण प्राप्त है, लेकिन मुस्लिम वक्फ की संपत्तियों को इस विधेयक के माध्यम से सरकार जब्त करना चाहती है.
‘यह विधेयक संविधान पर एक हमला’
वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने गुरुवार, 3 अप्रैल को कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी (CPP) की बैठक में कहा कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में जबरन पारित करवाया है. यह विधेयक संविधान पर एक हमला है. यह हमारे समाज को स्थायी रूप से तोड़ने की बीजेपी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड में कोई सदस्य, मुतवल्ली या कोई और गैर मुस्लिम नहीं होगा. ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. वोट बैंक के लिए माइनॉरिटीज को डराया जा रहा है.