Waqf Bill: देशभर के मुस्लिम तंजीमों ने वक़्फ़ बिल के विरोध में बीते 17 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर में विरोध प्रदर्शन किया. जहां मुस्लिम तंजीमों के जिम्मेदार लोगों से लेकर विपक्षी सांसद भी पहुंचे. और वक़्फ़ के विरोध में आवाज बुलंद की. इस विरोध प्रदर्शन का ऐलान सबसे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्ड (AIMPLB) ने किया था. तो आईए जानते हैं कि किस- किसने क्या कहा.
AIMPLB ने क्या कहा?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्ड के नेशनल प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि हमारा यह प्रोग्राम कामयाब रहा, तकरीबन तमाम मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट यहां आये थे. वहीं उन्होंने आगे कहा कि अगर दिल्ली में और यूपी के अंदर हमारी बसों को रोका नहीं जाता तो इतने ज्यादा लोग रास्तों में थे कि ये जगह नाकाफी होती.
‘उनको सिर्फ एक ही बार चुनाव नहीं लड़ना है आगे भी चुनाव लड़ना है’
सदा टाइम्स के एडिटर मोहम्मद इरशाद आलम के ‘आपने अपने मन से जेडीयू औरआंध्र प्रदेश की सरकार को यह कहा है कि वो इस बिल की हिमायत ना करें क्या वह आपकी बात मानेंगे’ सवाल पर कासिम रसूल इलियास ने कहा कि उनको मानना पड़ेगा अगर उनको सत्ता में रहना है अगर उनको सरकार चलानी है. उनको सिर्फ एक ही बार चुनाव नहीं लड़ना है आगे भी चुनाव लड़ना है तो हमारी बात माननी पड़ेगी.
‘इससे पहले भी होली आती थी पर कभी मस्जिदों पर तिरपाल नहीं पड़ते थे’
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्ड के उपाध्यक्ष ओबैदुल्लाह खान आज़मी ने कहा कि हम लोग हमेशा होली दिवाली यह सारी चीजें रवादारी (उदारता) के साथ एक दूसरे के साथ मनाते हुए आए है. मगर इस मर्तबा इस हिंदुस्तान की आजादी पे कालिख पोतने वाली काली हुकूमत जिस तरह मस्जिदों पर तिरपाल डाल मस्जिदों के वकार का मजाक उड़ा रही थी. याद रखिएगा कि तारीख आपकी इस बद नियती को कभी भी माफ नहीं करेगी. इससे पहले भी होली आती थी पर कभी मस्जिदों पर तिरपाल नहीं पड़ते थे.
‘ये नफरत के शोले बहुत ज्यादा दिनों तक हिंदुस्तानी आवाम को गुमराह नहीं कर सकते’
कभी भी इस मुल्क में हिंदुओं और मुसलमानों में नफरत का माहौल नहीं पैदा हुआ. आप हुकूमत कर रहे हो और नफरत की चिंगारियां सुलगा रहे हो तो याद रखना कि ये नफरत के शोले बहुत ज्यादा दिनों तक हिंदुस्तानी आवाम को गुमराह नहीं कर सकते. इस मुल्क की आवाम ने मुल्क की आजादी के लिए हिंदू का ‘ह’ निकाल कर मुस्लिम का ‘म’ निकाल कर ‘हम’ बन कर के मुल्क की आजादी हासिल की है. आज भी हम हम बनकर अपने देश को बचाएंगे, संविधान को बचाएंगे वक़्फ़ की जायदाद को बचाएंगे.
जमाअत इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष ने कहा
जमाअत इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि यह जो बिल पार्लियामेंट में पेश किया जा रहा है यह गैर संवैधानिक बिल है. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान ने इस मुल्क के हर नागरिक को अपने मजहब पर चलने का अपने मजहबी इदारे को आजाद तरीके से चलाने का हक दिया है राइट दिया है यह बिल इस कांस्टिट्यूशन राइट में पूरी तरह से वायलेशन है डायरेक्ट वायलेशन है. इसलिए इस मुल्क के सिर्फ मुसलमानों की नहीं बल्कि इस मुल्क के हर नागरिक की ये जिम्मेदारी है कि वो इस बिल की भरपूर मुखालफत करें.
AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि ये सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों के धार्मिक पहचान को खत्म करना चाहते हैं. देश में दो समुदायों के बीच में तनाव को बढ़ाना चाहते हैं.
‘यह सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ ही नहीं बल्कि देश विरोधी बिल है’
संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि यह सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ ही नहीं बल्कि देश विरोधी बिल है. हम चाहते हैं कि यह बिल वापस लिया जाए.उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस बिल को जब तक वापस नहीं लेगी तब तक हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे.