नागपुर: गरीबों के कल्याण के लिए कोई कानून बाधित नहीं हो सकता. महात्मा गांधी ने कहा था कि गरीबों के कल्याण के लिए अगर कानून को 10 बार तोड़ना पड़े तो भी उसे तोड़ा जाना चाहिए. इसलिए हमें लोगों के लाभ के लिए कानून तोड़ने का अधिकार है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया है कि हम मंत्री हैं, इसलिए हमें कानून तोड़ने का अधिकार है.
ईटीवी भारत की खबर के मुताबिक, नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की नागपुर शाखा से बहु-विषयक बहु मॉडल परिणामों के तहत आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए ब्लॉसम नामक एक परियोजना का उद्घाटन किया.
इस मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि हम जो कहते हैं उस पर अधिकारियों को ‘हां सर’ कहकर अमल करना चाहिए. सरकार अधिकारियों की राय से नहीं बल्कि जनता के वोट से चलती है.
I always tell the officers (bureaucrats), that the government will not work according to what you say, you only have to say "Yes Sir". You have to implement whatever we (ministers) are saying, government will work according to us: Union Minister Nitin Gadkari (09.08)
— ANI (@ANI) August 10, 2022
1995 में जब मनोहर जोशी राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब खबर आई थी कि गढ़चिरौली और मेलघाट में कुपोषण के कारण 2 हजार आदिवासी बच्चों की मौत हो गई थी. उस समय उस क्षेत्र के 450 गांवों में सड़कें नहीं थीं और वन विभाग के कानून उन्हें सड़क बनाने से रोक रहे थे. सड़कें नहीं होने के कारण विकास नहीं हो रहा था.
उस समय मैंने उस समस्या को अपने तरीके से हल किया था. नितिन गडकरी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि आपके कहे अनुसार सरकार काम नहीं करेगी. इसलिए सरकार हमारे कहे अनुसार काम करेगी. नितिन गडकरी ने अधिकारियों से कहा कि आप केवल ‘हां सर’ कहें और हमारे द्वारा दिए गए आदेशों पर अमल करें.