संभल: उत्तर प्रदेश के जिला संभल में हर रोज कुछ नया देखने को मिल रहा है. अब इससे कुछ किलोमीटर दूर फिरोजपुर किले का सर्वे करने के लिए एएसआई टीम पहुंची है. इसके साथ ही टीम ने बावड़ियां और चोर का कुआं जैसी जगहों का भी दौरा किया. यह किला मुगल बादशाह शाहजहां के जमाने में बनवाया गया था.
खंडहर हो चुके फिरोजपुर किले, तोता मैना की कब्र, पृथ्वीराज चौहान की खंडहर हो चुकी बावड़ी को प्रीजर्व करने का काम शुरू हो गया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक संभल के डीएम डॉक्टर राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हमने फिरोजपुर किले का दौरा किया था. जो एएसआई के जरिए प्रीजर्व किया गया है.
एएसआई ने संभल में ऐतिहासिक प्राचीन धरोहरों को सर्वे किया है. फिरोजपुर किला, तोतामैना की कबर एवं राजपूत कालीन बावड़ियां का एएसआई ने सर्वे एवं भ्रमण किया है. इस संबंध में एएसआई ने इन धरोहरों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने का निर्देश दिया.
Video from @RampalS66815903 #Sambhal pic.twitter.com/8rjpz99nle
— SADAA Times (@SADAA_Times) December 26, 2024
उसके बाद हमने नीमसार तीर्थ स्थल के नीचे कूप का भी दौरा किया. यह एकमात्रा कूप है, जिसमें अभी भी पानी है. उन्होंने कहा कि इस शहर का इतिहास काफी समृद्ध. पुराणों से लेकर पृथ्वीराज चौहान पृथ्वी राज की दूसरी राजधानी तक यह रही है. हमें इसके इतिहास को संरक्षित करना चाहिए.
यह किला संभल से सात किलोमीटर दूरी पर है. जो सय्यद फिरोज शाह के किले के तौर पर भी फेमस है. जो अब पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है. सही देख रेख न होने की वजह से हालात बिलकुल जर्जर हो चुकी है. इस किले को मुगल बादशाह शाहजहां के दौर में 1650-55 के बीच बनवाया गया था. इसकी तामीर सय्यद फिरोज ने ही कराई थी.
फिरोजशाह, शाहजहां के जमाने में संभल इलाके के गर्वनर रहे रुस्तम खां दक्खिनी के फौजी थी. उन्हें बादशाह शाहजहां ने यह जमीन तोहफे में दी थी, जो सोत नदी के किनारे है. उन्होंने इस जमीन पर किला बनावाया था. मौजूदा वक्त में इस किले की जमीन पर अवैध कब्जे हो चुके हैं. काफी वक्त से इस किले की जिम्मेदारी आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पास है.