टीवी जगत के मशहूर पत्रकार कमाल खान अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनका निधन हार्ट अटैक से बताया जा रहा है. कमाल खान के अचानक निधन से उनके लाखों प्रशंसकों के लिए इस समय बड़ी शोक की घड़ी है.
पत्रकार कमाल खान के निधन पर सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया है। जानकारी के मुताबिक हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ है। उनकी पत्नी रुचि ने उनकी मौत की खबर की पुष्टि की है।
एनडीटीवी ने कमाल खान के निधन पर दुःख व्यक्त किया है और लिखा है कि ‘तीन दशक से दिल को छू लेने वाले और हमारे दिलों में राज करने वाले कमाल खान नहीं रहे. समाज को अपने अनूठे ढंग से समझने-समझाने वाले और विशिष्ट और विश्वसनीय आवाजों में से एक थे कमाल खान. यह हमारे लिए बेहद दुख की घड़ी है’.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने कमाल ख़ान के निधन पर गहरे दुःख का इज़हार करते हुए लिखा है कि ” फिर कोई दूसरा कमाल ख़ान नहीं होगा भारत की पत्रकारिता आज तहज़ीब से वीरान हो गई है। वो लखनऊ आज ख़ाली हो गया जिसकी आवाज़ कमाल ख़ान के शब्दों से खनकती थी। NDTV परिवार आज ग़मगीन है। कमाल के चाहने वाले करोड़ों दर्शकों का दुख ज्वार बन कर उमड़ रहा है। अलविदा कमाल सर।”
वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी लिखते हैं, ‘दुखद…बेहद दुखद..स्तब्ध करने वाली सुबह मित्र… बंधु…कमाल खान की मौत.’
वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहते हैं, ‘मशहूर पत्रकार कमाल खान जी का निधन बेहद कष्टप्रद है। पत्रकारिता जगत के लिए बहुत क्षति है उनका ना रहना। देर रात तक वो दायित्वों का निर्वहन करते रहे। सबसे वरिष्ठ होने के बाद भी फील्ड रिपोर्टिंग कभी नही छोड़ी। खबर पेश करने का उनका अंदाज देशभर में पत्रकारों को प्रेरित करता था। अलविदा.’
समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से कमाल खान को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया गया है, ‘अत्यंत दुखद! एनडीटीवी के वरिष्ठ संवाददाता जनाब कमाल खान साहब का इंतक़ाल, अपूरणीय क्षति। दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना। भावभीनी श्रद्धांजलि.’
पत्रकार उमाशंकर सिंह लिखते हैं, ‘कमाल को लेकर दीवानगी ऐसी कि कल रात 9 बजे जब वे TV पर थे, उनकी बातों को एक मित्र मोबाइल पर रिकार्ड कर तभी के तभी भेज रहे थे। तनिक भी अंदेशा नहीं था कि सुबह कमाल हमें हमेशा के लिए छोड़ जाएँगे। कमाल आप जहां भी रहेंगे, कमाल रहेंगे। आपकी बातें हम सबके बीच गूंजती रहेगी.’
पत्रकार नवीन कुमार कहते हैं, ‘पत्रकारिता की एक पाठशाला ठप पड़ गई। कहन की एक काव्यशैली बिला गई। एनडीटीवी के कमाल खान हमारे बीच नहीं रहे। यह भारी शोक का समय है। श्रद्धांजलि।’