Nepal social media Ban Lifted: नेपाल सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में युवाओं ने बीते कल यानी कि सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया. ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई और करीब 500 लोग घायल हुए हैं. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार की देर रात नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध हटा दिया. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने नेपाल में प्रदर्शनकारियों की मौत और घायल होने की घटनाओं पर गहरा सदमा जताया है और मामले की तुरंत व पारदर्शी जांच की मांग की है.
रवीना शमदासानी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मौत और घायलों की खबर से हम बेहद हैरान और दुखी हैं. हम मांग करते हैं कि इस घटना की तुरंत और पारदर्शी जांच कराई जाए.
UN ने और क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा कि हमें ऐसे कई गंभीर आरोप मिले हैं कि सुरक्षा बलों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान जरूरत से ज्यादा और अनुचित बल प्रयोग किया. ये प्रदर्शन युवा ग्रुपों के द्वारा भ्रष्टाचार और हाल ही में लगाए गए सोशल मीडिया बैन के खिलाफ किए जा रहे थे.
#Nepal: We are shocked by the killings and injury of protesters today and urge a prompt and transparent investigation.
We have received several deeply worrying allegations of unnecessary or disproportionate use of force by security forces during protests organized by youth… pic.twitter.com/KstvW4La92
— UN Human Rights (@UNHumanRights) September 8, 2025
रवीना शमदासानी ने कहा कि हम नेपाल की सरकार से अपील करते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाए.
कैसे हुआ प्रदर्शन हिंसक?
बता दें कि प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में बैरिकेड तोड़कर संसद परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. हालात हाथ से बाहर होता देख सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया.इस टकराव में कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि कुछ सुरक्षाकर्मी भी चोटिल हुए हैं.
‘प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग’
हिंसक प्रदर्शन के बाद नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक समेत तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं रिपोर्टों के मुताबिक, चार और मंत्री शाम तक इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. रिपोर्टों की मानें तो युवा नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
प्रदर्शन आज भी जारी
हालांकि इसके बाद आज भी प्रदर्शन जारी है. राजधानी के कुछ हिस्सों में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है. नेपाल के काठमांडू, कास्की (पोखरा), रूपनदेही जिले और सुनसरी जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है. काठमांडू में सुबह- सुबह स्कूल के छात्रों समेत हजारों युवाओं ने मैतीघर और बानेश्वोर इलाकों में मार्च निकाला.

