गौरतलब है कि पाक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के नेतृत्व वाली पांच-सदस्यीय पीठ ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष का फैसला गुरुवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था. साथ ही शीर्ष अदालत ने नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि नेशनल असेंबली भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने का प्रधानमंत्री का कदम ‘असंवैधानिक’ था. अदालत ने निचले सदन के अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन के लिए 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का भी आदेश दिया था.
देशभर में विरोध प्रदर्शन का आह्वान
अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन से पहले शुक्रवार को पीएम इमरान खान ने अपने समर्थकों का आह्वान किया कि ‘नई आयातित सरकार’ के सत्ता में आने पर वे रविवार को देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करें. राष्ट्र के नाम एक संबोधन में, 69 वर्षीय खान ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के विवादित फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त किये जाने को लेकर भी निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘मैं इस आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा, मैं सड़क पर उतरूंगा, केवल लोग ही मुझे सत्ता में ला सकते हैं और मैं लोगों की मदद से वापस आऊंगा. उन्होंने कहा कि नई सरकार के संभावित गठन के बाद उनके समर्थकों को रविवार शाम को सड़क पर उतरना चाहिए.
बता दें, इमरान खान 342 सदस्यीय सदन में एक तरह से बहुमत खो चुके हैं. प्रधानमंत्री खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है. हालांकि उन्होंने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया है. अब खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा.
(इनपुट ईटीवी भारत)