दिल्ली दंगाः कोर्ट ने आगजनी के 10 आरोपियों को बरी किया

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने एक घर में आग लगाने और उसे नष्ट करने के 10 आरोपियों को बरी कर दिया है.

आवाज़ द वॉयस की खबर के मुताबिक, अदालत ने हालांकि कहा कि उन्हें (आरोपियों को) दंगा करने के आरोपों का सामना करना पड़ेगा. अदालत उस मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोपी ने 25 फरवरी, 2020 की सुबह एक कथित दंगे के दौरान मोजपुर इलाके में सड़क पर खड़ी शिकायतकर्ता की कार में आग लगा दी थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाने का कोई आरोप नहीं है, क्योंकि शिकायतकर्ता की कार कथित तौर पर सड़क पर जल गई थी.

न्यायमूर्ति रावत ने इसे केवल दंगा अपराध का मामला बताया और संबंधित मजिस्ट्रेट की अदालत में स्थानांतरित कर दिया. न्यायाधीश ने 28 सितंबर को अपने आदेश में कहा, ‘इस प्रकार, मेरी राय है कि एक आधार है कि आरोपियों ने अपराध किया है, लेकिन सत्र न्यायालय द्वारा विशेष रूप से विचारणीय नहीं है.’

जाफराबाद पुलिस स्टेशन ने 10 आरोपियों मुहम्मद सलीम, मेराजुद्दीन, शोएब, हाजी इस्लाम, अनीस मलिक, आरिफ सफी, शानू मलिक, बॉबी, फुरकान और मुहम्मद सलमान के खिलाफ दंगों सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.

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