उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 का चुनाव जारी है और इस बीच देश की छोटी बड़ी सभी पार्टियां मैदान में हैं. सभी पार्टियां अपने अपने घोषणापत्र में अलग अलग वादे कर रही हैं लेकिन इससे पहले भी जब जब चुनाव हुए हैं इसी तरह के वादे किये गए थे. लेकिन सवाल ये पैदा होता है कि क्या वह सब वादे पूरे हुए? मुसलमानों और दूसरे तबकों के लिए जो वादे किये गए थे, क्या वह सब पूरे हुए या सिर्फ धोखा मिला? इन्हीं सब सवालों के साथ वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष ने SADAA Times से खास बात चीत की.
वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष सैय्यद क़ासिम रसूल इल्यास ने सदा टाइम्स से बात करते हुए कहा कि ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में ये फैसला होगा कि लोकतंत्र रहेगा य फासीवाद आएगा. इस चुनाव में जुल्म का माहौल और खौफ का माहौल ख़त्म होगा ये फिर नहीं होंगे.
उन्होंने ने कहा कि महिलाएं, आदिवासियों और मुसलमानों के जो बुनयादी हुक़ूक़ पामाल हुए हैं वह बहाल होंगे या नहीं. इस चुनाव में आतंक का माहौल ख़त्म होगा या नहीं, क्योंकि हम सब ने देखा है कि CAA-NRC, कोरोना के समय और गंगा में बहती लाशों के खिलाफ जब किसी ने आवाज़ उठायी तो उसको उठा कर जेल में डाल दिया गया है. इसलिए ये चुनाव हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अगर फिर वही सरकार सत्ता में आ जाती है तो आतंक का माहौल और ज़्यादा बढ़ जायेगा.
उन्होंने कहा कि इस बार बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है और बीजेपी चाहती है कि ये चुनाव ध्रुवीकरण हो जाये. मुस्लमान एक तरफ और हिन्दू एक हो जाएं. इसलिए बीजेपी ने 80 – 20 का शोशा छोड़ा है जिससे वह आसानी से जीत जाये.
उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि मुसलमानों को अलग थलग कर दिया जाये और हिन्दुओं को एक जगह कर दिया जाये इससे मुल्क का और लोकतंत्र का कुछ भी भला नहीं होगा
बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव में वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया समाजवादी पार्टी के गठबंधन का हिस्सा है और सभी मिलकर बीजेपी को हराना चाहते हैं इसलिए उन्होंने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य, बीजेपी को हराना है.
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10 मार्च को आएंगे यूपी चुनाव के नतीजे
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा. यूपी में सात चरणों में 10, 14, 20, 23, 27 और 3 और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. चुनाव आयोग ने कोरोना के मद्देनज़र यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के लिए 31 जनवरी तक किसी भी राजनीतिक रैलियों और रोड शो की अनुमति नहीं दी है.
10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly 2022) 15 मई तक है.