बनारस: हमारी सदा ट्रस्ट (Hamaari Sada Trust) की जानिब से ‘शिक्षा’ प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश के फत्तूपुर, कठिराँव में 30 बच्चो की सात दिवसीय (26 जून से 2 जुलाई) समर कैंप का आयोजन किया गया और रचनात्मकता, सृजनशीलता, कला कौशल पर आधारित गतिविधियां कराई गईं.
Hamaari Sada Trust 2016 से लगातार यहां पर बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ अन्य पाठ्यक्रम गतिविधियों पर भी ध्यान देती है. यह सात दिवसीय समर कैंप कई गतिविधि आधार कार्यक्रम पर आधारित था. यह एक हफ्ता बच्चों के लिए बड़ा रोचक भरा था. बच्चों ने रचनात्मक कार्य सीखे और अपने हाथों से कलाकृतियां भी बनाईं.
प्रोग्राम इस तरह है:
पहला दिन- कुरान शरीफ की छोटी-छोटी सूरह की तिलावत करा कर मुकाबला कराया गया. इसमें दो ग्रुप बनाये गए थे, एक छोटे बच्चों का और दूसरा बड़े बच्चों का. पहले ग्रुप में महमूद ने पहली पोजीशन हासिल की जबकि दूसरे ग्रुप में अफाफ जहरा ने पहला स्थान हासिल किया.
दूसरा दिन- दुसरे दिन नात और नज़्म का मुकाबला रखा गया. इसमें फ़िज़ा ने पहली पोजीशन हासिल की जबकी अरमान अली ने दूसरी पोजीशन हासिल की.
तीसरा दिन- तीसरे दिन ड्राइंग (Drawing) का मुकाबला रखा गया. बच्चों को एक टॉपिक दिया गया, उसी आधार पर सभी बच्चों ने अपनी कला को दिखाया, जिसमें पहली पोजीशन इंशा कुलसूम ने और दूसरी पोजीशन कुलसूम ने हासिल की.
चौथा दिन- इस दिन कहानी कहने (storytelling) का मुकाबला कराया गया, जिसमें बच्चों ने मोरल स्टोरी (नैतिक कहानी) सुनाई, उस कहानी से बच्चों को सीख मिली, जैसे खरगोश और कछुआ की कहानी, मगरमच्छ और बंदर, शेर और चूहा, लालच बुरी बाला है. इसमें पहला इनाम अशरफ और दूसरा इनाम साहेबा ने हासिल किया.
पांचवा दिन- पांचवे दिन खेल-कूद, व्यायाम और योग कराया गया ताकि बच्चों के अंदर चुस्ती, फुर्ती पैदा हो सके और उनको बताया गया कि अगर इस तरह से रोज़ाना व्यायाम करते रहेंगे तो सेहत अच्छी रहेगी. यह बच्चों को खूब भाया और सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. इसमें गुब्बारे की दौड़, बुक बैलेंस और रुको और चलो (स्टॉप एंड वॉक) खेल कराये गए. जिसमें पहले ग्रुप में वरदा आबिद और दूसरे ग्रुप मे इरफ़ान ने पहला नंबर हासिल किया. बुक बैलेंस में तबस्सुम और रमज़ान ने पहली पोजीशन हासिल की. वहीं स्टॉप एंड वॉक मे वरदा आबिद ने पहला स्थान, नूरजहां ने दूसरा स्थान और सबरीन ने तीसरी पोजीशन हासिल की.
छठा दिन- छटे दिन ईद-उल-अज़हा को देखते हुए इसी के ताल्लुक़ से तकरीरी मुक़ाबला रखा गया. बच्चों ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की जिंदगी और क़ुर्बानी क्यों करते हैं? उसका मकसद जैसे विषय पर तक़रीर किया.
सातवां दिन- सातवें दिन यानि आखरी दिन, जो कि इनाम का दिन था, सभी बच्च्चों को इसका बड़ी शिद्दत से इंतज़ार था. आखिरी दिन सभी को मेहमानों के ज़रिये से इनाम दिया गया और सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया गया.
इस मौके पर बच्चों को इनाम देते हुए हमारी सदा ट्रस्ट के फाउंडर मोहम्मद इरशाद आलम ने बच्चों की हौसला-अफ़ज़ाई की और उन्हें मजीद मेहनत से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया. बच्चों से वादा किया कि जल्द ही यहां पर कंप्यूटर सेंटर बनाया जाएगा और उन्हें कंप्यूटर सीखने का मौका मिलेगा.
वहीं जमाअत इस्लामी हिन्द बनारस यूनिट से मुख्य अतिथि के रूप में उर्फी मिर्ज़ा, मोहम्मद नक़ीब आलम, मोहम्मद आरिफ फलाही और मोहम्मद दानिश शामिल हुए. इन लोगों के हाथों बच्चों को इनाम दिलवाया गया ताकि बच्चों का मनोबल बढ़े. मुख्य अतिथि ने बच्चों का प्रदर्शन देख बहुत खुश हुए. उन्हें दिल लगाकर पढ़ने को कहा और साथ ही वहां मौजूद गांव के लोगों से भी कहा कि बच्चों की शिक्षा को रुकने नहीं देना चाहिए. इन्हें डॉक्टर, इंजीनियर और जो यह बनना चाहते हैं, वहां तक इनको पढ़ाएं.
इस आयोजन में बच्चों की तैयारी में लगे तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया गया. गांव से शामिल हुए मेहमानो का भी शुक्रिया अदा किया गया और उनसे वादा लिया गया कि बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देंगे. आखिर में सभी को मिठाई वगैरा खिला कर प्रोग्राम को खतम किया गया.