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बिलकिस गैंगरेप के दोषियों की रिहाई पर बोले असदुद्दीन ओवैसी, कहा-पीएम मोदी तो महिला सम्मान की बात करते हैं

गुजरात में बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों की रिहाई को लेकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर तंज कसा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी महिला संकल्प दिलाते हैं. वहीं गुजरात में ऐसा फैसला लिया जाता है.

बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या मामले के सभी 11 दोषियों को सोमवार को 15 अगस्त के मौके पर जेल से रिहा कर दिया गया है. इन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने साल 2004 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार, सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राज्य में चुनाव से पहले भाजपा ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत ऐसा किया है. ओवैसी ने कहा कि गैंगरेप में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपियों की रिहाई से मुस्लिम समुदाय में बहुत गलत संदेश गया है.

ओवैसी ने कहा कि यह फैसला नहीं, बिलकिस बानो के साथ एक बार फिर से अपराध हुआ है. उन्होंने कहा कि इसने बानो के जख्मों को फिर से हरा कर दिया है. असदुद्दीन ओवैसी ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में यह बातें कहीं.

उन्होंने कहा कि साल के अंत तक गुजरात में चुनाव होने वाले हैं. इसमें भाजपा लगातार छठवीं बार प्रदेश में अपनी सत्ता स्थापित करना चाहती है. ओवैसी ने कहा कि भाजपा एक धर्म विशेष के प्रति पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण रवैया रखती है. उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात के लिए कोई भी पछतावा नहीं है.

गौरतलब है कि बिलकिस बानों के साथ यह घटना 3 मार्च, 2002 को हुई थी. उस वक्त 21 साल की बिलकिस बानो पांच महीने की गर्भवती थीं. इस दौरान उसकी दुधमुंही बच्ची के साथ परिवार के सात सदस्यों को मार डाला गया था. साबरमती एक्सप्रेस के कोच में 59 कारसेवकों के जला दिए जाने के बाद वहां भयंकर हिंसा हुई थी. इसके बाद बिलकिस का परिवार अहमदाबाद के करीब खेतों में छुपने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच की और 2004 में 11 दोषियों को गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया गया था. सीबीआई की अदालत ने सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था. करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की उप जेल में स्थानांतरित कर दिया था.

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