नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का संदेश देने के लिए ‘शांति कैलेंडर’ के लिए दोनों देशों के स्कूली बच्चों से शांति पेंटिंग्स के लिए आमंत्रित किया गया है. ‘शांति कैलेन्डर’ भारत और पााकिस्तान के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे संगठन ‘आगाज-ए-दोस्ती’ की पहल है. ‘आगाज-ए-दोस्ती’ ज़्यादातर स्कूली बच्चों के लिए काम करती है.
बारह सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग्स (भारत और पाकिस्तान से छह-छह) को शांति कैलेंडर में शामिल किया जायेगा.
पहल के संस्थापक रवि नितेश ने इस कैलेंडर के महत्व के बारे में कहा कि ‘एक मासूम और अराजनैतिक दिमाग के चित्रों वाला कैलेंडर हमें याद दिलाएगा कि मानसिकता का निर्माण किया गया है. युवा और मासूमों के खूबसूरत सपनों के साथ, कैलेंडर उन लोगों को संदेश भी देता है जो इन सपनों को पोषित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. यह कैलेंडर शांति और दोस्ती के साझा सपनों का संग्रह है. यह उन लोगों द्वारा साझा की गई आशा के रूप में कार्य करता है जो आदत और संघर्ष में हमारे जैसे ही हैं. एक नया महीना शुरू करने के लिए पन्ने पलटने के साथ, आशा का नवीनीकरण होगा.’
पाकिस्तान में आगाज-ए-दोस्ती के समन्वयक नज़ीर अहमद ने कहा कि उनका उद्देश्य स्कूली बच्चों के साथ काम करना है क्योंकि वे भविष्य के नागरिक हैं और उनका भविष्य घृणा, हिंसा और युद्ध से मुक्त होना चाहिए. “जब छात्र एक कला बनाते हैं, तो यह उनकी भावनाओं, उनके विचारों और उनके सपनों को सामने लाता है. जब हम इन कलाओं को कैलेंडर में देखते हैं, तो हम देखते हैं कि हमें शायद इन छात्रों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.’

पंजाब में आगाज़-ए-दोस्ती गतिविधियों की देखरेख करने वाले नितिन मित्तू ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में दोनों देशों के बीच कई चुनौतियां और परेशानियां आईं.
उन्होंने कहा, ‘समानताओं के कारण पंजाब का दूसरी तरफ के लोगों के साथ भावनात्मक संबंध है.’
आगाज-ए-दोस्ती की संयोजक देविका ने कहा कि कक्षा छठी से बारहवीं तक का कोई भी छात्र जो भारत में पढ़ रहा है, पहल में भाग ले सकता है.

