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‘बहुविवाह इस्लाम के पर्सनल लॉ का हिस्सा..’ असम के इस विधेयक के विरोध में उतरे मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली

असम में बहुविवाह निषेध विधेयक के पेश होने के बाद लखनऊ इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर समुदाय को अपने निजी मामलों में अपने धर्म को मानने का कानूनी अधिकार है.

Assam Prohibition of Polygamy Bill: असम की बीजेपी सरकार ने बीते कल यानी कि मंगलवार, 25 नवंबर को विधानसभा मेंअसम बहुविवाह निषेध विधेयक 2025” पेश किया. इस बिल में पहली शादी के कानूनी तौर पर वैध रहते हुए दूसरी शादी करने या उसे छिपाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए जेल और भारी जुर्माने सहित कड़ी सजा का प्रावधान है. इस विधेयक के पेश होने से पहले से ही हंगामा मचा हुआ है और इसकी अलोचना की जा रही है. वहीं बहुविवाह निषेध विधेयक के पेश होने के बाद लखनऊ इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर समुदाय को अपने निजी मामलों में अपने धर्म को मानने का कानूनी अधिकार है.

‘धार्मिक आजादी एक बुनियादी अधिकार’

मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा कि हमारे देश के संविधान ने हर नागरिक को अपना धर्म मानने की पूरी आजादी दी है. और हमारे देश के संविधान के मुताबिक धार्मिक आजादी एक बुनियादी अधिकार है.

खालिद रशीद फिरंगी महली ने आगे कहा कि हर समुदाय को अपने निजी मामलों में अपने धर्म को मानने का कानूनी अधिकार है. इसलिए एक से ज्यादा शादियों का कॉन्सेप्ट इस्लाम के पर्सनल लॉ का एक जरूरी हिस्सा है, लेकिन यह दूसरी बात है कि इस्लाम में एक से ज्यादा शादियों के लिए बहुत सख्त शर्तें हैं.

कांग्रेस सांसद ने भी इस विधेयक का किया विरोध

वहीं कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि हमारा देश बहुत अलग-अलग तरह का है, और हमें इसे बनाए रखने का ध्यान रखना चाहिए. इस कानून को पास कर दो समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिशें हो रही हैं.साथ ही कहा कि इस विधेयक के सहारे कुछ वर्गों को दबाने की कोशिश की जा रही है.

कानून तोड़ने पर 10 साल तक की सजा

बता दें कि प्रस्तावित कानून के अनुसार, बहुविवाह को एक आपराधिक अपराध (क्रिमिनल ऑफेंस) माना जाएगा और इसके लिए सात साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी छुपाकर दूसरी शादी करता है, तो सजा दस साल तक बढ़ सकती है. वहीं, अगर कोई बार-बार ऐसा अपराध करता है, तो उसे दोगुनी सजा दी जाएगी.

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