‘फिलिस्तीन’ लिखा बैग लेकर संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी, दिया खास मैसेज

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा फिलिस्तीन (Palestine) के लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए सोमवार को एक ऐसे हैंडबैग के साथ संसद पहुंची जिस पर ‘फिलिस्तीन’ लिखा हुआ था। वह कई मौकों पर गाज़ा में इसराइल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती और फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करती रही हैं।

उन्होंने जो हैंडबैग लिया हुआ था उस पर अंग्रेजी में ‘Palestine’ (फिलिस्तीन) लिखे होने के साथ फिलिस्तीन से जुड़े कई प्रतीक भी बने हुए थे। नई दिल्ली में फिलिस्तीन दूतावास प्रमुख आबिद अल रजाक अबू जाजर ने पिछले हफ्ते प्रियंका गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस नेता को केरल के वायनाड से उनकी हालिया चुनाव जीत पर बधाई दी थी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मानव-पशु संघर्ष से जुड़ा मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठाया और सरकार से सवाल किया कि क्या प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने लोकसभा में पूरक प्रश्न पूछते हुए यह विषय उठाया। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में मानव-पशु संघर्ष का मुद्दा उठाना चाहूंगी। पिछले साल 90 लोग प्रभावित हुए हैं। कल भी किसी जंगली जानवर ने हमला किया है। इसलिए मैं पूछना चाहती हूं कि सरकार विशेष रूप से किसानों और आम लोगों को क्या मुआवजा देगी?”

कांग्रेस नेता के प्रश्न के उत्तर में पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पूरक प्रश्न का सूचीबद्ध प्रश्न से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, उन्होंने बताया कि प्रशासन और वन विभाग वायनाड में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा किए गए कार्यों की एक प्रति वायनाड की सांसद के साथ साझा की जाएगी।

इस साल अक्टूबर में हमास और इसराइल के बीच शुरू हुई जंग को एक साल पूरे होने पर भी प्रियंका गांधी ने इसराइल पर निशाना साधा था। गाजा में बढ़ती मौतों के बीच प्रियंका ने इसराइल पर हमला बोला था। कांग्रेस सांसद ने कहा था, ”गाजा में 7,000 लोगों की हत्या के बाद भी और हिंसा का सिलसिला नहीं रुका है। इन 7,000 लोगों में से 3,000 मासूम बच्चे थे।” वायनाड में चुनाव लड़ते समय भी लगातार प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया है।

वहीं दूसरी तरफ भाजपा के राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने कहा, ‘लोग खबरों के लिए ऐसी हरकतें करते हैं। जब उन्हें लोगों द्वारा नकार दिया जाता है, तो वे ऐसी हरकतें करते हैं।’

हालांकि, कई लोगों ने प्रियंका गांधी वाड्रा के साहसिक कदम का समर्थन और सराहना की है। समर्थकों ने न्याय और मानवीय मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया और इस बात पर जोर दिया कि उनके कार्य हिंसा से प्रभावित लोगों के प्रति एक दयालु रुख को दर्शाते हैं।

एक यूजर ने लिखा, ‘केवल प्रियंका गांधी जी ही ऐसा कर सकती हैं। फिलिस्तीन के साथ एकजुटता में खड़े होने के लिए प्रियंका गांधी जी का धन्यवाद। ‘फिलिस्तीन’ लिखा बैग ले जाने का आपका इशारा न्याय और शांति के लिए खड़े होने के महत्व की एक शक्तिशाली याद दिलाता है।’

‘प्रियंका गांधी ने संसद में एक विशेष बैग लेकर फिलिस्तीन के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई, जो उनके समर्थन, प्रतिबद्धता, मानवता और शांति का प्रतीक है। प्रियंका गांधी की ओर से एक साहसिक पहल।’

एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘प्रियंका गांधी ‘फिलिस्तीन’ बैग लेकर संसद पहुंचीं। प्रियंका गांधी एक निडर नेता हैं।’

राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान, वायनाड से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद ने शुक्रवार, 13 दिसंबर को अपना पहला भाषण दिया, जिसमें उन्होंने मुसलमानों सहित भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला।

अपने जोशीले भाषण में उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभल में हुई हिंसा की घटनाओं, जहां कथित तौर पर पुलिस की गोलीबारी में कम से कम पांच मुस्लिम मारे गए, या मणिपुर में हुई जातीय हिंसा से अप्रभावित हैं।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि पीएम मोदी को यह समझ में नहीं आया कि संविधान संघ की नियम पुस्तिका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी को यह समझ में नहीं आया कि यह संघ का विधान नहीं बल्कि भारत का संविधान है।’

प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान ने देश को एकता का संदेश दिया है और उन्होंने भाजपा नीत सरकार पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया।

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