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‘संविधान पर हमले के खिलाफ सबसे पहले खड़ा रहूंगा..’ संविधान दिवस पर राहुल गांधी का संकल्प

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संविधान दिवस के अवसर पर कहा कि भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है.

Rahul Gandhi On Constitution: पूरा देश आज यानी कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मना रहा है. आज ही के दिन साल 1949 में संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अपनाते हुए भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य का दर्जा दिया था. संविधान दिवस के अवस पर देश भर में सभाएं की जा रही है और संविधान के महत्व के बारे में बताया जा रहा है. इसी अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है और इसपर होने वाले हर प्रहार के सामने सबसे पहले खड़ा रहूंगा.

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संविधान दिवस के अवसर पर कहा कि भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है.

संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच- राहुल गांधी’

राहुल गांधी ने कहा कि वादा कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा. संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है, उनकी शक्ति है और हर एक नागरिक की आवाज है.जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं.

‘संविधान पर हमले के खिलाफ सबसे पहले खड़ा रहूंगा..’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा कि आइए, हम प्रण लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का आक्रमण नहीं होने देंगे. इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इसपर होने वाले हर प्रहार के सामने सबसे पहले खड़ा रहूंगा.

कांग्रेस ने RSS और BJP पर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने संविधान दिवस के दिन कांग्रेस ने RSS पर संविधान नहीं मानने के आरोप पर जमकर हमला किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब संविधान लागू हुआ था, तब RSS जैसे संगठन खुले तौर पर कहते थे कि संविधान “पाश्चात्य मूल्यों” पर आधारित है और उनका आदर्श तो मनुस्मृति है. इतिहास गवाह है कि वे संविधान के खिलाफ थे.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि 11 दिसंबर, 1948 को इन्होंने रामलीला मैदान में बड़ा सम्मेलन करके डॉ. अंबेडकर जी का पुतला भी फूंका था. RSS ने केवल संविधान और तिरेंगे का विरोध ही नहीं किया, बल्कि अंग्रेजी राज में जब स्वाधीनता सेनानी जेलों में थे तो RSS अंग्रेजों के साथ थी. और उसी RSS का मोदी जी लाल किले से तारीफ करते हैं. जबकि गांधीजी की हत्या के बाद 30 जनवरी 1948 को RSS पर पहला प्रतिबंध सरदार पटेल जी ने लगाया था.

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