नई दिल्ली: भारत से हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय नई हज नीति 2023-2027 बना रहा है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस सिलसिले में दिल्ली राज्य हज कमेटी के कार्यालय हज मंजिल में मंगलवार को राज्य स्तरीय परामर्श बैठक आयोजित की गई।
रॉयल बुलेटिन की खबर के अनुसार, हज कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एपी अब्दुल्ला कुट्टी की अध्यक्षता में हुई बैठक का संचालन दिल्ली राज्य हज कमेटी के कार्यकारी अधिकारी जावेद आलम खान और उप कार्यकारी अधिकारी मोहसिन अली ने किया।
बैठक में मरकजी जमीयत अहले हदीस के अमीर मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के सचिव मलिक मोतसिम खान, दिल्ली राज्य हज कमेटी के पूर्व कार्यकारी अधिकारी अशफाक अहमद आरफी, पूर्व सदस्य दिल्ली राज्य हज कमेटी सैयद शादाब हुसैन रिजवी अशरफी आदि ने अपने सुझाव रखे।
The review meeting of the Delhi Haj Committee was held in Delhi today, discussions and deliberations were held with the religious leaders and religious scholars in the state regarding the upcoming Haj policy.@narendramodi@smritiirani @hajj pic.twitter.com/RTuMoOGzZN
— A.P Abdullakutty (@a_abdullakutty) November 23, 2022
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए जिसमें हज यात्रियों के लिए एक विस्तृत गाइड चार्ट बनाने, होटलों और इमारतों में पर्दे की उचित व्यवस्था करने, हज के दौरान भोजन उपलब्ध कराए जाने के सुझाव शामिल हैं। हज के महत्वपूर्ण पड़ाव मिना में भोजन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की बात की गई है। इसके साथ ही हज को सस्ता किए जाने पर भी कई सुझाव रखे गए। दिल्ली का कोटा बढ़ाया जाने, एक खादिमुल हुज्जाज को तीन बार से अधिक बार नहीं भेजने, प्रत्येक 100 तीर्थयात्रियों के साथ एक मुस्लिम विद्वान भेजने जैसे बातें भी प्रमुख रूप से रखी गईं।
दिल्ली राज्य हज समिति के कार्यकारी अधिकारी जावेद आलम खान ने कहा कि हज कमेटी के अध्यक्ष, कार्यकारी अधिकारी, उप कार्यकारी अधिकारी या किसी वरिष्ठ अधिकारी को हर साल हज की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए सऊदी अरब भेजा जाना चाहिए। तमाम इंतेजाम व खर्चों का अधिकार दिल्ली स्टेट हज कमेटी को दिया जाना चाहिए। बैठ में शामिल सदरुद्दीन सैफी ने कहा कि हज खर्च को पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त किया जाना चाहिए।
हज कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एपी अब्दुल्ला कुट्टी ने सभी सुझावों को ध्यान से सुना और कहा कि उन्हें लागू कराने की पूरी कोशिश करेंगे।
बैठक में मौलाना मुफ्ती शमीम अहमद कासमी, मुफ्ती मंजर मोहसिन, मुफ्ती निसार अहमद, मौलाना अब्दुलसुबहान, मोहम्मद तारिक, अमानुल्लाह खान, हाजी मोहम्मद इदरीस खान, हाजी मोहम्मद जहूर और सदरुद्दीन सैफी आदि ने भी भाग लिया।

